एशिया कप की मेजबानी को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) और दूसरे एशियाई देशों के बीच चल रही खींचतान नाटकीय रूप से खत्म हो सकती है। पाकिस्तान पूरी तरह से टूर्नामेंट से हटने का फैसला कर सकता है। दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) रखा था। लेकिन, इसे भारत के साथ खड़े श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान ने खारिज कर दिया। इससे पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह चिढ़ गया है, और वो एशिया कप (Asia Cup) में हिस्सा ना लेने का फैसला कर सकता है।

क्या था पाकिस्तान का ‘हाइब्रिड मॉडल’?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख नजम सेठी (Najam Sethi) चाहते थे कि एशिया कप में हाइब्रिड मॉडल अपनाया जाए। इस मॉडल के तहत एशिया कप में न्यूट्रल वेन्यू पर मैच खेलने से पहले पाकिस्तान में 3 से 4 मैच होने चाहिए। लेकिन, सुरक्षा के आधार पर पाकिस्तान की यात्रा नहीं करने का फैसला करने वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तान के इस मॉडल को खारिज कर दिया। यही नहीं दूसरे एशियाई देशों ने भी पाकिस्तान के मुंह पर तमाचा मारते हुए उसके इस हाइब्रिड मॉडल को ठेंगा दिखा दिया।

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से भी चिढ़ा पाकिस्तान
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड से भी नाराज़ चल रहा है। वो SLC के रुख से नाराज होकर, वनडे सीरीज से बाहर हो गया है। ये वनडे सीरीज़ श्रीलंका (Sri Lanka) में होनी थी। दरअसल, श्रीलंका ने प्रस्ताव रखा था कि एशिया कप के मुकाबले उसके वहां आयोजित किए जाएं। लेकिन ये बात पीसीबी को नागवार गुजरी। श्रीलंका ने ऑफर से पीसीबी इतना गुस्सा हुआ कि उसने श्रीलंका में वनडे सीरीज खेलने से भी इनकार कर दिया।

किसी भी हाल में पाकिस्तान में मैच कराना चाहता है पीसीबी
पाकिस्तान हर हाल में अपने यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों का आयोजन करना चाहता है। वो चाहता है कि भारत समेत दुनिया के तमाम देश पाकिस्तान में खेलें ताकि PCB की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। लेकिन भारत के आगे उसकी एक नहीं चल रही। भारत का स्पष्ट कहना है कि सीमा पार आतंकवाद और खेल एक साथ नहीं चल सकते हैं।