मणिपुर सरकार (Manipur Government) ने राज्य में इंटरनेट (Internet) पर रोक को 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। राज्य सरकार का ये फैसला हाल ही में हिंसा की घटनाओं की खबरों की पृष्ठभूमि में आया है। अभद्र भाषा, भड़काऊ छवियों और वीडियो के किसी भी प्रसारण पर रोक लगाने के लिए, राज्य सरकार ने इंटरनेट के निलंबन को बढ़ा दिया है।
10 जून (शनिवार) को केंद्र सरकार ने राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uikey) की अध्यक्षता में मणिपुर में एक शांति समिति (peace committee) का गठन किया था। समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। गृह मंत्रालय (MHA) के अनुसार, समिति में पूर्व सिविल सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
शांति समिति का उद्देश्य राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना होगा, जिसमें शांतिपूर्ण वार्ता और परस्पर विरोधी दलों/समूहों के बीच बातचीत शामिल है। समिति सामाजिक एकता, आपसी समझ को मजबूत करने का काम करेगी। जबकु, विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संचार की सुविधा प्रदान करेगी।
असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को अपने मणिपुर के अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) से मुलाकात कर वहां चल रही स्थिति पर चर्चा की। हिमंत ने कहा कि, हमारे लिए मणिपुर में शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है। आज चर्चा के दौरान मैंने जो कुछ भी सीखा है, मैं उसे आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट करूंगा। मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के एक महीने बाद से ही छिटपुट हिंसा का दौर जारी है।