पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि वह देश की भलाई के लिए सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर से बात करने के लिए तैयार हैं, इस बात पर जोर देते हुए कि उनका सेना के साथ कोई झगड़ा नहीं है। लाहौर में अपने ज़मान पार्क आवास पर पत्रकारों के साथ व्यापक चर्चा में, उन्होंने राजनीति, सेना के साथ अपने संबंधों, सेवानिवृत्त सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के साथ अपनी हताशा और अदालत की सुनवाई के लिए इस्लामाबाद नहीं जाने का विकल्प क्यों चुना समेत कई मुद्दों पर बात की।
यह पूछे जाने पर कि वह सैन्य प्रतिष्ठान या कहें कि पाकिस्तान आर्मी से बात क्यों नहीं कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि उनका प्रतिष्ठान के साथ कभी झगड़ा नहीं हुआ, और यह जनरल बाजवा थे जिन्होंने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने कहा कि..
''अपनी सरकार खोने के बाद भी देश की भलाई के लिए जनरल बाजवा से बात की। लेकिन यह जनरल बाजवा थे जो मुझे कुचलना चाहते थे। लेकिन अगर कोई सोचता है कि मैं घुटने मोड़ूंगा, तो ऐसा नहीं हो सकता। मैं देश की भलाई के लिए अब भी सेना से बात करने को तैयार हूं, लेकिन अगर कोई बात करने को तैयार नहीं है, तो मैं क्या कर सकता हूं?''
फिर उन्होंने कहा कि, ऐसा लगता है कि [वर्तमान] सेना प्रमुख मुझे अपना दुश्मन मान रहे हैं। इसके बाद उन्होंने मौजूदा सेना प्रमुख को उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ किसी भी भ्रष्टाचार के मामले को साबित करने की चुनौती भी दी।