इजरायल में विवादास्पद न्यायिक सुधारों को लेकर महीनों से चल रही उथल-पुथल सोमवार को और गहरा गई जब यूनियनों ने हड़ताल की घोषणा की और उड़ानें निलंबित कर दी गईं। संकट में घिरे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) इस बारे में राष्ट्र को संबोधित करने की तैयारी कर रहे हैं। दुनिया भर में इजरायली दूतावासों को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की न्यायिक बदलाव योजना के खिलाफ सोमवार को हड़ताल में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।
हिस्टाद्रुत श्रम महासंघ द्वारा इजरायल में घोषित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश और विदेश में विदेश मंत्रालय की गतिविधियां आपातकालीन सेवाओं तक सीमित होंगी। इजरायल में कई क्षेत्रों के श्रमिकों ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू की, जिससे अर्थव्यवस्था के ठप होने का खतरा पैदा हो गया, और वो न्यायपालिका में आमूलचूल परिवर्तन की नेतन्याहू की योजना के खिलाफ बढ़ते विरोध आंदोलन में शामिल हो गए।
सड़कों पर उतरे लोग, एयरपोर्ट से लेकर सबकुछ बंद
देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रस्थान करने वाली उड़ानों को रोक दिया गया। बड़ी मॉल श्रृंखलाओं और विश्वविद्यालयों ने अपने दरवाजे बंद कर दिए, और इजरायल के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन समूह ने स्वास्थ्य, पारगमन, बैंकिंग और अन्य क्षेत्रों में अपने 800,000 सदस्यों से काम रोकने का आह्वान किया। स्थानीय सरकारों से अपेक्षा की गई थी कि वो अपने द्वारा चलाए जाने वाले प्रीस्कूल को बंद कर दें और अन्य सेवाओं में कटौती करें, और मुख्य डॉक्टर संघ ने घोषणा की कि उसके सदस्य भी नौकरी छोड़ देंगे। नेतन्याहू की योजना का बढ़ता विरोध ऐसे समय में हुआ है जब कुछ घंटे पहले ही हजारों लोग अपने रक्षा मंत्री योव गैलेंट को पद से हटाने के प्रधानमंत्री के फैसले पर गुस्सा जाहिर करते हुए देश भर की सड़कों पर उतर आए थे।
संसद तक पहुंचे प्रदर्शनकारी, इज़रायल पर संकट भारी
‘देश में आग लगी है’ के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव के मुख्य राजमार्ग पर अलाव जलाए, जिससे मार्ग और देश भर में कई अन्य लोग घंटों तक बंद रहे। दबाव बनाए रखने के लिए हजारों प्रदर्शनकारी सोमवार को नेसेट यानि संसद के बाहर एकत्र हुए। भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे नेतन्याहू और इजरायल की अब तक की सबसे दक्षिणपंथी सरकार में उनके सहयोगियों द्वारा किए गए इस बदलाव ने इजरायल को अपने सबसे खराब घरेलू संकटों में से एक में डाल दिया है।
अबतक का पूरा घटनाक्रम, जानिए कब, कैसे और क्या हुआ - 4 जनवरी को इज़राइल के न्याय मंत्री यारिव लेविन ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की योजना का खुलासा किया था जो राजनेताओं को अदालतों पर अधिक शक्ति देगा। - प्रस्तावित उपायों में संसद को सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों को पलटने की शक्ति देना और न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार को अधिक अधिकार देना शामिल है। - लेविन का दावा है कि कानून को रद्द करने की अदालत की शक्ति लोकतंत्र के लिए एक "खतरा" है। - आलोचकों का आरोप है कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे नेतन्याहू अपने खिलाफ संभावित फैसलों को रद्द करने के लिए सुधारों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। - 7 जनवरी तेल अवीव में हजारों लोग नेतन्याहू के प्रशासन के सुधारों और अन्य नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, जो इजरायल के इतिहास में सबसे दक्षिणपंथी सरकारों में से एक है।