जोशीमठ के बाशिंदे इस आस में हैं, कि सरकार उनका घरबार बचा लेगी, उन्हें दोबारा बसा लेगी, पौराणिक नगरी जोशीमठ के जख्मों का पक्का इलाज हो जाएगा। मगर IIT कानपुर के विशेषज्ञों की रीसर्च तो कुछ और ही कह रही है, या यूं कहें बड़े खतरे की मुनादी कर रही है। जोशीमठ में धंस रही जमीनों को लेकर IIT कानपुर की टीम ने बड़ा दावा किया है। दरअसल इस घटना से कुछ दिन पहले IIT कानपुर की रिसर्च टीम जोशीमठ पहुंची थी, टीम को भू वैज्ञानिक प्रो.राजीव सिन्हा ने लीड किया था, टीम ने यहां का सर्वे किया और इस नतीजे पर पहुंची कि जोशीमठ को दोबारा बसाने की बात करना फिलहाल तो खतरे से खाली नहीं है, ये तो रहने लायक बिल्कुल नहीं बचा।


भू- वैज्ञानिक प्रो.राजीव सिन्हा ने ऐसा क्यों कहा?
प्रो. सिन्हा के मुताबिक जोशीमठ और इसके आसपास का इलाका लैंड स्लाइडिंग जोन में है। यहां दशकों तक लैंड स्लाइडिंग होती रही है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में ये स्थिर रहा, इसीलिए टिका रहा। मगर बार-बार लैंड स्लाइड के कारण यहां के पत्थर कमजोर हो गए हैं। फिर भी लोगों ने यहां मलबे पर ही घर और होटल बना दिए। कुछ सालों में यहां विकास कार्य भी काफी तेजी से हुए। लेकिन अब पहाड़ एक बार फिर से अपलिफ्ट हो रहे हैं, मतलब ये कि पहाड़ के अंदर से मलबा खिसक रहा है और जमीन धंसने लगी है।

सोचिए..तेज बारिश या भूकंप आया तो क्या होगा?
सर्वे के दौरान ये भी बात सामने आई कि यहां नदियों के ठीक किनारे आबादी बस गई है, जो कि काफी खतरनाक है। प्रो. सिन्हा के मुताबिक जब बिना बारिश या भूकंप के भी जमीन धंसने लगी है, मोटी-मोटी दरारें दिख रही हैं, तो भूकंप या फिर बारिश आई तो फिर यहां कि स्थिति क्या होगी। आने वाले समय में हालात विकराल हो सकते हैं।

जोशीमठ को लेकर रीसर्च टीम ने क्या दिए सुझाव?
- जोशीमठ और आस-पास के इलाके को तुरंत खाली करना चाहिए
- इलाका खतरे से खाली नहीं है, रहने लायक तो बिल्कुल नहीं
- घाटी पर फौरन स्टडी करके बफर जोन निर्धारित किए जाएं
- स्टडी में ये पता करना चाहिए नदी के किनारे कितनी दूरी तक का इलाका सेंसेटिव है
- सेंसेटिव इलाके में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने चाहिए
- सुनियोजित तरीके से ही पहाड़ों पर गांव और कस्बो को बसाए जाएं
- स्टडी कराने के बाद रिपोर्ट के अनुसार ही पहाड़ पर लोगों को बसाया जाए
- जहां लंबे वक्त से भूकंप या लैंड स्लाइड नहीं हुआ तो जरूरी नहीं कि वो जगह सुरक्षित है

सुप्रीम कोर्ट में कल सूचीबद्ध होगा जोशीमठ का मामला
जोशीमठ मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने याचिका दाखिल की थी और मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मामले की सुनवाई के लिए कल यानि 10 जनवरीको सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। याचिका में जोशीमठ भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि जोशीमठ में जो ये घटना हुई है वो बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है, ऐसे में लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजे की मांग भी की गई है।
