रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि रूस के पास NATO की परमाणु क्षमताओं पर गौर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जैसा कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध के दौरान बार-बार किया है, पुतिन ने दावा किया कि रूस एक अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है। उनके विचार में NATO सदस्य देश रूस की रणनीतिक हार चाहते हैं। उन्होंने रूसी सरकारी टीवी पर कहा कि, न्यू स्टार्ट संधि का निलंबन रूस के लिए सुरक्षा, रणनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता से किया गया है। एक साल पहले यूक्रेन पर हमला करने में पुतिन का लक्ष्य रूस की सुरक्षा के लिए लगातार पैदा हो रहे खतरे को कम करना था।
NATO के खिलाफ पुतिन ने उगला ज़हर, बरपाएंगे पश्चिमी देशों पर कहर !
रूसी राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि मॉस्को समझौते से पूरी तरह से पीछे नहीं हट रहा है। जबकि रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश परमाणु हथियारों पर संधि की सीमाओं का सम्मान करेगा और बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण प्रक्षेपण के बारे में अमेरिका को सूचित करता रहेगा। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत की वर्षगांठ के दो दिन बाद रविवार को RUSSIA 1 टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि, NATO देश संधि का हिस्सा नहीं हैं, वो इस मुद्दे पर चर्चा का हिस्सा बन गए, जिस पर मास्को को आपत्ति नहीं है, खासकर जब से यह NATO की परमाणु क्षमताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकता है।
‘रूस को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं पश्चिमी देश’
पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस को खत्म करना चाहते हैं। ये वही धारणा है जिसका उपयोग उन्होंने यूक्रेन में रूसी आक्रामकता को सही ठहराने के लिए बार-बार किया है। पुतिन ने कहा कि उनका एक लक्ष्य है, पूर्व सोवियत संघ और उसके मौलिक हिस्से रूसी संघ को भंग करना। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम रूस को नष्ट करने और नियंत्रण स्थापित करने में सफल रहा तो रूसी लोग एक एकीकृत राष्ट्र के रूप में जीवित नहीं रह सकते हैं। रूस के संभावित विखंडन के बारे में उन्होंने कहा कि मस्कोवाइट्स, यूरालियन और अन्य होंगे। पश्चिम केवल आंशिक रूप से रूस को सभ्य लोगों के तथाकथित परिवार में स्वीकार कर सकता था, देश को अलग-अलग टुकड़ों में तोड़ सकता था।