सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महिला पहलवानों (Wrestlers) की याचिका की सुनवाई गुरुवार को बंद कर दी। क्योंकि पहलवान जिस मांग के लिए धरना दे रहे थे, वो पूरी हो गई। WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। कोर्ट ने कहा भी कि महिला रेसलर्स (Female Wrestlers) को सुरक्षा दी गई है। उनकी मांग बृजभूषण पर FIR दर्ज करने की थी, जो पूरी हो चुकी है। अब कोई और मसला हो तो याचिकाकर्ता हाईकोर्ट या निचली अदालत में जा सकते हैं। ऐसे में उम्मीद थी कि पहलवान अब अपना आंदोलन (Protest) खत्म कर देंगे, मगर अब पहलवान कह रहे हैं कि जो खाप पंचायत (Khap Panchayat) कहेगी वही करेंगे। धरना खत्म नहीं करेंगे।
किसान आंदोलन पार्ट-2 बनाने की कोशिश ?
पहलवानों का अब तर्क ये है कि FIR तो दर्ज हो गई, मगर कोई एक्शन नहीं हुआ। पहलवानों ने कहा कि वो कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, मगर प्रोजेक्ट जारी रहेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पहलवानों के लिए खाप पंचायत सु्प्रीम कोर्ट से ऊपर हो गई? क्या ये पहलवानों की धमकी है कि उनका फैसला कोई नहीं सिर्फ खाप पंचायत करेगी? एक सवाल ये भी कि अगर पहलवानों को खाप पंचायत का ही फैसला मानना था तो फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्यों किया?
रविवार को जंतर-मंतर पहुंचेंगे खाप नेता
कुछ दिन पहले ही दिल्ली, हरियाणा और यूपी की खाप पंचायतों के प्रतिनिधि जंतर मंतर पहुंचे थे। किसान नेता राकेश टिकैत भी पहलवानों से मिलकर सपोर्ट कर चुके हैं। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा कि क्या इसे भी किसान आंदोलन की तरह बड़ा रूप देने की साजिश हो रही है? ये सवाल इसलिए भी क्योंकि मुजफ्फरनगर में सर्वखाप मुख्यालय पर खाप चौधरियों की बैठक में तय हुआ है कि 7 मई रविवार को सभी खाप नेता जंतर मंतर पहुंचेंगे। भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) समेत कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी रविवार को दिल्ली में जुटेंगे।