पाकिस्तान (Pakistan) की सेना इमरान खान (Imran Khan) का कत्ल करने की तैयारी कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री और PTI चीफ इमरान खान पाक सेना (Pakistan Army) प्रमुख असीम मुनीर (Asim Munir) की आंखों में कांटे की तरह चुभ रहे हैं। इमरान खान को सेना के अंदर से मिल रहे समर्थन और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों द्वारा आदेशों की नाफरमानी से सेना प्रमुख असीम मुनीर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। लिहाज़ा, जनरल असीम मुनीर फौज के अंदर मौजूद इमरान खान के पैरोकारों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारियों में जुट गए हैं। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो असीम मुनीर इमरान खान और उनके समर्थकों पर भी एक्शन लेने वाले हैं।
इमरान और उनका साथ देने वाले सैन्य अधिकारियों को फांसी?
असीम मुनीर ने मंगलवार को सेना के कोर कमांडर्स (Corps Commanders) की एक मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग के बाद ऐलान किया कि, इमरान खान समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन का समर्थन करने वाले लोगों, हिंसा में शामिल लोगों और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ आर्मी और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही असीम मुनीर ने कहा कि हिंसा में शामिल रहे किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान में ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट को काला कानून कहा जाता है। गौर करने वाली बात ये है कि इसके तहत दोषी पाए जाने पर उम्रकैद के साथ-साथ मौत की सजा भी दी जा सकती है।
इमरान समर्थकों ने जिन्ना हाउस का जलाया
इमरान खान की पार्टी PTI के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी सेना के लाहौर के कोर कमांडर के घर पर हमला करके उसे जला दिया था। जिस घर को जलाया गया उसे जिन्ना हाउस (Jinnah House) भी कहा जाता है, जो पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का घर था। लाहौर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फयाज घनी को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था। एक वीडियो में तो वो इमरान खान के समर्थकों के आगे गिड़गिड़ाते हुए नज़र आए थे। जिसके बाद असीम मुनीर ने उन्हें पद से हटा दिया था। जनरल मुनीर इस कदर नाराज़ हुए थे कि वो फौरन इमरान खान और उनके समर्थकों के खिलाफ एक्शन लेना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान सेना के तीन कोर कमांडर्स ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इन कोर कमांडर्स का तर्क ये था कि इससे पंजाबी मूल के सैनिकों और पश्तूनों (इमरान की जाति) के बीच खाई पैदा हो सकती है। यही नहीं जनता भी इससे भड़क जाएगी।
इमरान का सेना पर हत्या की साज़िश रचने का आरोप
सेना और सरकार की मिलीभगत के बावजूद इमरान खान मैदान में डटे हुए हैं। आज उन्होंने एक ट्वीट किया। उन्होंने 22 मार्च का अपना एक संबोधन ट्वीट किया। इस पुराने वीडियो में इमरान इस बात की आशंका जताते नज़र आ रहे हैं कि उनके कार्यकर्ताओं के नाम पर सेना और सरकार से जुड़े लोग हिंसा फैलाने, और कत्लेआम की तैयारी कर रहे हैं ताकि उन्हें फंसाकर मौत के घाट उतारा जा सके। इस संबोधन में इमरान खान अपने कार्यकर्ताओं को ये समझाते भी दिख रहे हैं कि किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहना है।