आफताब अमीन पूनावाला की पुलिस हिरासत ख़त्म हुई तो उसे 13 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। तिहाड़ जेल में उसका जैसा व्यवहार दिखा, उससे जेल कर्मचारी हैरान दिखे। दरअसल, नए क़ैदियों को रखे जाने वाले सेल तिहाड़ की जेल नंबर 4 में जब वो पहुंचा तो मंद -मंद मुस्कुरा रहा था। आफताब को जेल नंबर 4 के बैरक नंबर 15 में ‘सुसाइड वॉच’ पर रखा गया। लेकिन उसकी हरकतें ऐसी थीं मानो वो जेल में रहने का आदी हो। जेल प्रबंधन की तरफ़ से ये ताकीद कर दी गई थी कि आफताब के पास ऐसी कोई चीज़ न हो, जिससे कि वो खुद को नुकसान पहुंचा सके। चूंकि उसका व्यवहार अचानक कैसा हो जाएगा, ये पुलिस को भी अभी तक समझ में नहीं आया। जानकारी के मुताबिक आफ़ताब के सेल में दो और क़ैदी बंद हैं, और इन क़ैदियों को भी आफताब की हरकतों पर नज़र रखने की कहा गया है। तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि अमूमन पहली बार जेल में आने वाले क़ैदी पहली रात को सो नहीं पाते, लेकिन आफताब रात भर आराम से सोया और जेल के कर्मचारियों से अंग्रेजी में बोलकर पानी मांगा।
जेल में दूसरे कैदियों से क्या बोला आफ़ताब ? तिहाड़ जेल के कर्मचारियों से क्या मांगा ?
आम तौर पर नए क़ैदी साथ रहने वाले पुराने क़ैदियों से घुलने मिलने की कोशिश करते हैं और कुछ भी पूछने पर वो उसका जवाब देते हैं। लेकिन, जब आफ़ताब से उसके साथ के क़ैदियों ने श्रद्धा हत्याकांड के बारे में पूछा तो उसने चुप्पी साध ली। जेल कर्मचारियों ने आफताब के पहले दिन के रवैये को देखा तो वो हक्के-बक्के रह गए।
1. आफ़ताब ने सुबह 6 बजे जगने के बाद नाश्ता किया।
2. जेल कर्मचारियों से बातचीत में अपनी करनी पर उसे कोई पछतावा नहीं दिखा।
3. अपनी कोठरी से निकल कर उसने घूमने की इच्छा जताई।
4. लेकिन, हमले के ख़तरे को देखते हुए उसे इसकी इजाजत नहीं मिली।
5. इससे पहले आफताब ने साथी क़ैदियों से जेल के बारे में जानकारी ली।
6. उसने साथी क़ैदियों से कहा कि वो पहली बार जेल आया है।
7. उसने जेल में मिलने वाले खाने की क्वॉलिटी के बारे में पूछा।
8. यही नहीं, उसने इसकी टाइमिंग और बाक़ी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।