WEST BENGAL:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कोलकाता (Kolkata) में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में लोग मेट्रो स्टेशन पर पीएम मोदी का अभिवादन करते नजर आए। लोग मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे। वहीं उद्घाटन समारोह के बाद वो अंडरवाटर मेट्रो (Underwater Metro) में बच्चों के साथ बैठे और उनसे बातचीत भी की।
…जब टनल में भर गई थी मिट्टी और रुक गया था काम
कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो के लिए टनल बनाने का काम 2017 में शुरु हुआ था। Afcons ने हुगली के नीचे टनल की खुदाई का काम सिर्फ 67 दिनों में पूरा कर लिया था। लेकिन, 2019 में सियालदाह के करीब टनल में मिट्टी भर गई और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके बाद सैकड़ों परिवारों को होटलों में शिफ्ट करना पड़ा और हाई कोर्ट ने काम रुकवा दिया। इसके बाद साल 2020 में एक बार फिर से कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो का काम शुरु हुआ। इस मेट्रो को बनाने में 4960 करोड़ रुपए की लागत आई है।
10 लाख लोगों का सफर हो जाएगा आसान
कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो ज़मीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे बने ट्रैक पर दौड़ेगी। हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है। इस टनल में दो ट्रैक बिछाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक मेट्रो ट्रेन इस टनल को 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सिर्फ 45 सेकेंड में पार कर जाएगी। इस अंडरवाटर मेट्रो से हावड़ा और कोलकाता की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। एक अनुमान एक मुताबिक रोज़ाना 7 से 10 लाख लोगों का सफर आसान हो जाएगा।
कोलकाता अंडरवाटर मेट्रो से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां
हुगली नदी के नीचे स्थापित हावड़ा मेट्रो स्टेशन, देश का सबसे गहराई में स्थित स्टेशन भी होगा।
कोलकाता मेट्रो की इस अंडरवाटर टनल को लंदन और पेरिस के बीच यूरोस्टार ट्रेनों की तरह बनाया गया है।
हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच सुरंग की कुल लंबाई 4.8 किलोमीटर है। इसमें1.2 किलोमीटर सुरंग हुगली नदी में 30 मीटर नीचे है।
नदी के नीच सुरंग बनाना एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। यह भारत में पहली बार हुआ है। जबकि दुनिया भर में यह दुर्लभ है।
1980 के दशक में भारत की पहली मेट्रो का हिस्सा कोलकाता में बना था। अब पहली बार नदी के अंदर सुरंग भी यहीं बनी है।
सुरंगों को ऐसे बनाया गया है कि यह 120 साल तक ऐसे ही रहेगी। पानी की एक बूंद भी नदी की सुरंगों में प्रवेश नहीं कर सकती है।
सुरंगों के कंक्रीट के बीच में हाइड्रोफिलिक गास्केट हैं। अगर पानी सुरंगों के अंदर आता है, तो गास्केट खुल जाएगी।
पानी आते ही सुरंग पनडुब्बी की तरह बंद हो जाएगी। इन सुरंगों को भूकंपीय क्षेत्र 3 के अनुसार बनाया गया है, जिस जोन में कोलकाता आता है। यानि सुरंग पर भूकंप का भी असर नहीं होगा।
अंडरवाटर मेट्रो के लिए टिकट की कीमत 5 रुपये से शुरू होती है और 50 रुपये तक पहुंचती है। पहले दो किलोमीटर के लिए किराया 5 रुपये से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है, लंबी दूरी के लिए किराया 50 रुपये तक पहुंच जाता है।