Pakistan: चीन ने लगाई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को फटकार। सबके सामने शहबाज शरीफ हुए शर्मसार। जानिए कैसे खैबर पख्तूनख्वा में हुए धमाके से पाकिस्तान की पोल खुली।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक आत्मघाती हमला हुआ। इस फिदायीन हमले में एक महिला इंजीनियर समेत 5 चीनी इंजीनियर और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई। पाकिस्तानी माडिया के मुताबिक हमला मंगलवार को हुआ। चीन के इंजीनियरों की गाड़ी खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के बेशम शहर से गुजर रही थी। इसी दौरान विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी ने इंजीनियरों की गाड़ी में टक्कर मार दी। पाकिस्तानी अखबार द डॉन में छपी खबर के मुताबिक, क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद अली गंडापुर ने कहा कि, एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन से चीनी इंजीनियरों के काफिले में टक्कर मार दी, जो इस्लामाबाद (Islamabad) से दासू में अपने शिविर की ओर जा रहे थे। गंडापुर के मुताबिक, प्रांतीय पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और राहत अभियान शुरू किया था। काफिले में शामिल बाकी लोगों को सुरक्षित कर लिया गया है।
चीनी दूतावास जाकर शहबाज शरीफ ने लगाई हाजिरी
आतंकी हमले के एक घंटे बाद ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस्लामाबाद पहुंच गए। यही नहीं उन्होंने चीन (China) के राजदूत से मुलाकात कर इस मामले में सफाई दी। शरीफ ने राजदूत को आश्वासन दिलाया कि पाकिस्तान आतंकवाद के अंत तक इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। चीन के दूतावास ने हमले की जांच की मांग की है। चीनी दूतावास ने कहा है कि, "पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने तुरंत आपातकालीन कार्य शुरू कर दिया है, मांग की है कि पाकिस्तानी पक्ष हमले की गहन जांच करे, अपराधियों को कड़ी सजा दे और चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करे।"
चीन के नागरिकों की हत्या में बलोच लड़ाकों का हाथ?
खैबर पख्तूनख्वा में हुआ घटना को बलोच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) के कुछ लड़ाके सोमवार देर रात बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नेवल बेस में घुस गए थे। इस हमले में एक सैनिक की मौत हो गई। वहीं पाकिस्तान सेना ने दावा किया है कि उसने 4 बलोच लड़ाकों को मार गिराया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नौसेना के अड्डे से बलोच लड़ाकों को निकालने के लिए 8 घंटों तक ऑपरेशन चला। इस दौरान पाकिस्तान का नेवल बेस वॉर जोन में तब्दील हो गया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं बलोच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने ही चीन इंजीनियरों की बस पर हमला किया।
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर मंडरा रहा है मौत का खतरा?
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और उनके कारोबार पर खतरा मंडरा रहा है। जबकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के तमाम आतंकी संगठन चीनी नागरिकों और उनके कारोबार या कंपनियों को ही निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह ये है कि बीते 5 साल में यहां उनकी ताकत और प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ा है। हालात ये हैं कि कई जगहों पर चीनी नागरिक स्थानीय लोगों से भी ज्यादा ताकतवर हैं। ऐसे में पाकिस्तान बलूचिस्तान (Balochistan) और खैबर में रहने वाले कबायलियों को लगता है कि चीनी नागरिकों की वजह से उनके समाज या इलाकों को नुकसान हो रहा है। उन्हें लगता है कि चीनी उनके कारोबार छीन रहे हैं, खनिज पदार्थों की लूट कर रहे हैं और जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। यही वजह है कि शुरुआती दौर में कराची और लाहौर जैसे इलाकों में चीनी नागरिकों के कारोबार और ऑफिसों पर हमले हुए। इसके बाद उनकी कंपनियों को टारगेट किया गया। तो अब चीनी नागरिकों को पाकिस्तान में चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा जा रहा है।
जुलाई 2021 में, नौ चीनी नागरिकों सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी, जब उन्हें 4,300 मेगावाट की दासू जलविद्युत परियोजना की एक निर्माणाधीन सुरंग स्थल पर ले जा रही एक बस विस्फोट के बाद ऊपरी कोहिस्तान क्षेत्र में एक खड्ड में गिर गयी थी। हालांकि, शुरुआत में इस घटना को एक दुर्घटना करार दिया गया था, लेकिन बाद में सरकार ने कहा कि विस्फोटकों के निशान पाए गए थे। उस समय पाकिस्तान के तत्कालीन सूचना मंत्री ने कहा था कि, आतंकवादी इमले से इंकार नहीं किया जा सकता। नवंबर 2022 में हजारा में एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने इस हमले की योजना बनाने के लिए दो लोगों को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी।