कहते हैं बेटियां परायी होती हैं, पिता के कांधों पर सिर्फ जिम्मेदारी होती हैं। मगर बेटियों ने इन कहावतों को ना जाने कितनी बार कुचला है, रौंदी हैं वो रुदाली कहानियां जिनके किस्सों में बेटियों सिर्फ बोझ हैं। बिहार की एक और बेटी ने एक बार फिर इसे साबित किया है। अपनी बहादुर बेटी की बदौलत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोबारा जिन्दगी मिली है। सात बेटियों के पिता लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी देकर उनकी बेटी रोहिणी ने दिखा दिया कि पिता के लिए बेटी का प्यार समूचे संसार से बढ़कर है।
पापा का ब्लड ग्रुप मैच हुआ तो बेटी अड़ गई, ‘मैं ही किडनी दूंगी’
जज्बात और जिंदादिली का हद से गुजर जाना किसे कहते हैं, ये एक बेटी से पूछिए, उस बेटी से जानिए जिसने पिता के प्राण संकट में देखे, तो फिर और कुछ नहीं देखा। पिता लालू प्रसाद यादव की जिंदगी बचाने के लिए उनकी बेटी रोहिणी ने डॉक्टरों से अपनी किडनी देने की गुजारिश की। एक बेटी ने ठाना को तो किस्मत को भी साथ देना पड़ा, दोनों के ब्लड ग्रुप AB पॉजिटिव थे तो सारी रिपोर्ट मैच हो गई। लालू प्रसाद यादव के किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया 3 दिसंबर से शुरू हुई, सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ।
लालू प्रसाद यादव का ऑपरेशन करीब 1 घंटे तक चला और सफल रहा। फिलहाल दोनों यानि लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी रोहिणी ICU में हैं। ऑपरेशन से पहले रोहिणी ने पिता लालू प्रसाद के साथ फोटो ट्वीट की..उन्होंने लिखा कि, ”रेडी टु रॉक एंड रोल। मेरे लिए इतना ही काफी है, आपकी खैरियत मेरी जिंदगी है।”
उनकी बड़ी बेटी मिसा भारती ने भी लालू यादव का हाथ हिलाकर अभिवादन करते वीडियो शेयर किया है। मीसा भारती ने लिखा कि, ”हमारे लिए बहुत सुकून देने वाला क्षण था, जब पापा से ICU में थोड़ी देर के लिए मिलने की इजाज़त मिली। पापा ने हाथ हिलाकर आप सब की शुभकामनाओं को वीडियो के माध्यम से स्वीकार किया और आभार व्यक्त किया।”
लालू प्रसाद यादव को सबसे पहले किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह रांची में RIMS के डॉ. विद्यापति ने दी थी। इसके बाद ही उन्होंने पहले AIIMS में और इसके बाद सिंगापुर में जांच कराकर किडनी ट्रांसप्लांट कराने का फैसला किया।