भारत में भले ही कोरोना की लहर फिलहाल थम गई हो। लेकिन, इस महामारी से चीन अब भी कराह रहा है। वहां लॉकडाउन तक की नौबत है। जबकि, भारत समेत दुनिया भर के देश कोरोना एफेक्ट से अब भी जूझ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि किशोरों के दिमाग पर कोविड ने ज़बरदस्त असर डाला है। बायोलॉजिकल साइकियाट्री के ग्लोबल ओपेन साइंस जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से किशोरों का दिमाग समय से पहले ही बूढ़ा हो गया है।
- बायोलॉजिकल साइकियाट्री की रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 128 बच्चों को शामिल किया।
- इनमें से आधे बच्चों के दिमाग को पिछले आठ सालों से स्कैन किया जा रहा था।
- दो स्कैन होने के बाद इनका तीसरा स्कैन मार्च 2020 में होना था, लेकिन कोरोना की वजह से स्टडी को बीच में रोकना पड़ा।
- इसके बाद वैज्ञानिकों ने महामारी से पहले लिए गए इन्हीं ब्रेन स्कैन की तुलना करने की कोशिश की।
- गौर करने वाली बात ये है कि इसके लिए वैज्ञानिकों ने 16 साल की उम्र के बच्चों को चुना।
- इसमें से 50 प्रतिशत बच्चों के ब्रेन स्कैन महामारी के पहले के थे।
- जबकि, 50 प्रतिशत बच्चों के ब्रेन स्कैन कोरोना महामारी के बाद के थे।
- रिसर्च के नतीजों में पाया गया कि कोरोना महामारी की वजह से बच्चों में डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स बढ़ गए।
- बच्चों के दिमाग के हिप्पोकैम्पस और एमिग्डाला पार्ट्स का विकास भी हुआ, जो याददाश्त नियंत्रित करने और डर जैसी भावनाओं को प्रोसेस करने में मदद करते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो कोरोना महामारी के केवल 10 महीने में ही बच्चों का दिमाग कम से कम तीन साल आगे का हो चुका है। सीधे शब्दों में कहें तो बच्चे समय से पहले युवावस्था की ओर बढ़ चुके हैं। जबकि बच्चों में आत्महत्या के ख्याल आना समेत दूसरी मानसिक दिक्कतें भी बढ़ गई हैं।