आम आदमी पार्टी ने 15 साल से MCD में बैठी बीजेपी को उखाड़ फेंका, लेकिन बीजेपी ने इन चुनावों में केजरीवाल की पार्टी को तगड़ी टक्कर दी। यही वजह रही कि सत्ता गंवाकर विपक्ष में बैठने को मजबूर बीजेपी के कैंप में वैसी निराशा नहीं दिखी। कई उम्मीदवार जीत के बाद जश्न मनाते नज़र आए। MCD में सेंट्रल दिल्ली से चेयरमैन रहे और BJP उम्मीदवार राजपाल सिंह श्रीनिवास पुरी से जीत दर्ज करते ही कालकाजी मंदिर पहुंच गए, जहां उन्होंने परिवार के साथ पूजा-अर्चना की, और अरविंद केजरीवाल से टका सा सवाल पूछ दिया।
”अपने क्षेत्र में दो-दो स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाए हैं, एक नंदन वन बनाया है, पांच-पांच डिस्पेंसरी बनाई हैं, इंडिया का पहला कोविड वैक्सीन सेंटर बनाया है, कोई बताए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कितने स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स दिए दिल्ली को ?”
चुनाव ख़त्म हो गया, लेकिन बीजेपी के नेता चुनावी अंदाज में ही दिखे तो इसकी वजह है। बीजेपी अभी से मिशन 2024 के लिए काम कर रही है। लोकसभा चुनावों से पहले MCD चुनावों में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को तगड़ी चुनौती दी। ये टक्कर इतनी जबरदस्त रही की बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के वोटबैंक में सेंध लगा डाली।
AAP को मिले वोट 42.35%
BJP को मिले वोट 39.23 %
कांग्रेस को मिले वोट 12.6 %
अब अगर इसकी तुलना 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों से करें, तो बीजेपी की खुशी की वजह समझ में आ जाती है।
- विधानसभा चुनावों में AAP को 53.57 प्रतिशत वोट मिले थे
- जबकि बीजेपी को 38.51 प्रतिशत वोट मिले।
- कांग्रेस को 4.26 प्रतिशत वोट मिले थे।
- ऐसे में अगर देखें तो बीजेपी के वोट में 0.72 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- जबकि AAP को 11.22 प्रतिशत का घाटा हुआ।
बीजेपी अपने वोटबैंक के बने रहने और AAP के वोटबैंक में सेंधमारी से खुश है। हालांकि इन चुनावों ने लगातार सिमट रही कांग्रेस को भी मुस्कुराने का मौक़ा दिया, क्योंकि कांग्रेस के वोटबैंक में क़रीब आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ। लेकिन कांग्रेस की वापसी को बीजेपी अपने हक़ में मान सकती है, क्योंकि वोटों के बंटवारे में उसे अपना फायदा दिख रहा है।