हिमाचल विधानसभा के चुनाव नतीजों ने लगातार हार का मुंह देख रही कांग्रेस की कुछ हद तक लाज रख ली। लेकिन जिन नेताओं पर अब पार्टी की छवि बचाने की जिम्मेदारी थी, वही कुर्सी पर दावा ठोकने के चक्कर में इसे भूल बैठे। शिमला से कुछ ऐसी तस्वीरें आईं जो इस बात की तस्दीक करती हैं कि जीत के बाद भी कांग्रेस में सबकुछ सही नहीं है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल कांग्रेस के पर्यवेक्षक भूपेश बघेल शिमला पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने पहले एकजुट होने के नारे लगाए। गाड़ी से उतरने के बाद माला पहनाकर बघेल का स्वागत हुआ। कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद के नारे लगे और फिर सुर बदलकर बघेल जिंदाबाद तक पहुंचा। लेकिन ये तो महज शुरुआत भर थी। शिमला पहुंचे भूपेश बघेल की गाड़ी चुनाव में जीत दर्ज करने वालों का मन और मिजाज़ जानने के लिए आगे बढ़ी तो कांग्रस के ही कार्यकर्ता उनकी गाड़ी के सामने आ गए और रास्ता रोक दिया। बघेल की गाड़ी का काफिला रुका तो विरोध करने वालों ने अपना मक़सद बताने के लिए नारेबाज़ी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं का ना केवल अंदाज़ बदला बल्कि नारे भी बदल गए। कुछ ही देर में जाहिर हो गया कि अपने ही नेता का रास्ता रोकने वाले किसके समर्थक थे।
कांग्रेस आलाकमान पर भारी, प्रतिभा सिंह की मज़बूत दावेदारी
बाहर का घमासान तो प्रदेश ही नहीं, देश ने भी देख लिया। बंद कमरे की बात तो जल्द बाहर आती नहीं। लेकिन दावेदारों में से एक प्रतिभा सिंह के तेवर आने वाले दिनों की संकेत पहले ही दिन देने लगे, और रही सही कसर उनके कार्यकर्ताओं ने पूरी कर दी। हालांकि चुनाव नतीजे आते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बिना देरी किए अपने पत्ते खोल डाले। उन्होंने बतौर अध्यक्ष अपनी मेहनत के अलावा सोनिया गांधी के दिए वचन की याद दिला दी। यही नहीं प्रतिभा सिंह ने अपनी दावेदारी के लिए कई वजहें गिना डालीं। उन्होंने अपने पति और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत और चुनाव में उनके चेहरे के इस्तेमाल की वजह से भी इस पद पर अपना हक़ जताया। प्रतिभा ने अपने तेवर से कांग्रेस नेतृत्व को उनकी दावेदारी पर गंभीरता से विचार करने के संकेत दिए। हालांकि, प्रतिभा सिंह के तेवर तो मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस के अंदरुनी कलह की शुरुआती झलक भर है। इस पद के पांच दावेदार बताए जा रहे हैं। इसके अलावा कुछ नाम बतौर डिप्टी सीएम भी उछल रहे हैं। जिनमें से एक नाम प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का भी है।
हिमाचल प्रदेश में CM पद के 5 दावेदार
1. प्रतिभा सिंह
2. सुखविंदर सिंह सुक्खू
3. सुधीर शर्मा
4. चंदन कुमार चौधरी
5. मुकेश अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री पद के लिए नाम भले ही पांच उछल रहे हैं। लेकिन इनमें दो को सबसे प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। कुर्सी की ये लड़ाई हिमाचल कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष और मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह बनाम पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की बनती दिख रही है। दोनों गांधी परिवार के क़रीबी हैं। प्रतिभा के साथ राजा वीरभद्र सिंह की विरासत है, तो वहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ ज्यादातर जीते हुए विधायक। ऐसे में हिमाचल कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की दुविधा जगज़ाहिर हो चुकी है।
पार्टी के अंदरुनी घमासान को जैसे ही हिमाचल कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने महसूस किया, वो राजभवन की ओर कूच कर गए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दिल्ली से शिमला पहुंचे राजीव शुक्ला के अलावा हिमाचल कांग्रेस के कुछ कद्दावर नेता राजभवन पहुंचे। इन नेताओं ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को कांग्रेस की तरफ से जीत दर्ज करने वाले विधायकों की लिस्ट सौंपी, और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा किया। ये कवायद किसी भी तरीक़े के अनहोनी से बचने के लिए की गई। सरकार बनाने का दावा कोई और ना पेश कर पाए इसके लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक राजभवन पहुंच गए। लेकिन, सवाल तो उस चेहरे का है जिसे मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी। जबकि, ये सवाल गंभीर इसलिए है कि कांग्रेस आलाकमान कन्फ्यूज है कि किसने नाम का ऐलान करे और किसका नहीं। भले ही मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष हों। लेकिन, गेंद सोनिया गांधी के पाले में हैं, क्योंकि अब भी पार्टी में सिक्का गांधी परिवार का ही चलता है।