कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री राजा पटेरिया (RAJA PATERIYA) ने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक विवादित बयान दिया। आरोप लगा कि राजा पटेरिया ने पन्ना ज़िले की एक सभा में देश के प्रधानमंत्री की हत्या की अपील की। यही नहीं इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पन्ना जिले के पवई में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरने के चक्कर में राजा पटेरिया ऐसा बोल गए, जिस पर बवाल खड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि,”संविधान यदि बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो।” हालांकि कमान से छूटे तीर की तरह जुबान से निकले शब्द वापस हो नहीं सकते। लेकिन, राजा पटेरिया ने इस बयान को ठीक करने की कोशिश ज़रूर की। उन्होंने आगे कहा कि, ”संविधान यदि बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। हत्या मतलब हराने का काम।” संविधान की रक्षा के नाम पर असंवैधानिक अपील से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता PM पर एक सांस में दनादन कई आरोप लगाते सुनाई पड़े। राजा पटेरिया ने कहा कि, ”मोदी चुनाव ख़त्म कर देगा। मोदी धर्म, जाति, भाषा के नाम पर बांट देगा। दलितों को, आदिवासियों को और अल्पसंख्यकों का भावी जीवन ख़तरे में है।
राजा पटेरिया के खिलाफ FIR
BJP कांग्रेस पर मोदी के नाम पर जनता को डराने के आरोप लगाती रही है। जबकि, एक बार फिर राजा पटेरिया के शब्दों में इसे ही महसूस किया गया। चूंकि ये मामला सीधे-सीधे प्रधानमंत्री से जुड़ा है। लिहाज़ा, बीजेपी और मध्य प्रदेश सरकार को हरकत में आते देर नहीं लगी। बयान देने वाले कांग्रेसी नेता राजा पटेरिया के खिलाफ FIR दर्ज हो गया, जिसके निर्देश राज्य के गृह मंत्री ने ख़ुद मध्य प्रदेश पुलिस को दिए। एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, ”माननीय प्रधानमंत्री जी के खिलाफ इस बेहद आपत्तिजनक बयान जो माननीय पटेरिया जी ने किया है, मैं तत्काल FIR कराने का SP को निर्देश दे रहा हूं।” नरोत्तम मिश्रा ने पटेरिया के बयान के बहाने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा और दावा किया कि ये कांग्रेस बापू नहीं बल्कि मुसोलिनी के आदर्शों पर चलने वाली कांग्रेस है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि, ”ये विद्वेश की पराकाष्ठा है, ये घृणा की अति है, कांग्रेस के असली भाव प्रकट हो रहे हैं।”
विवाद बढ़ने पर राजा पटेरिया की सफाई
राजा पटेरिया को तो अपने बयान की गंभीरता का अहसास उसी वक्त हो चुका था, जब उन्होंने प्रधानमंत्री की हत्या की बात को अगली ही लाइन में दुरुस्त करने की कोशिश की थी। लेकिन मामले को तूल पकड़ते देर नहीं लगी। विवादित बयान पर सियासी घमासान शुरू हो गया। ऐसे में पटेरिया ने अपनी सफाई पेश करते हुआ कहा कि, ”मैं गांधी को मानने वाला आदमी हूं, गांधी को मानने वाला आदमी हत्या की बात नहीं कर सकता। वो वीडियो ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है।” जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे, सफाई का अंदाज वैसा ही रहा। अपनी सफाई में राजा पटेरिया ने बयान के मायने फिर से समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि, ”मेरा कहने का आशय था कि राजनीतिक चुनाव क्षेत्र में उनको पराजित कर के देश का संविधान बचाओ, अल्पसंख्यकों का, दलितों का, आदिवासियों की रक्षा करने के लिए, बेरोजगारी हटाने के लिए मोदी को पराजित करना आवश्यक है।”
बीजेपी ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया
कांग्रेस के नेता भले ही अब लाख सफाई दें, लेकिन बीजेपी को इस बयान पर सियासत का मौक़ा मिल गया है। लिहाज़ा, मध्य प्रदेश में दिए गए बयान की गूंज कुछ ही देर में देश के कई हिस्सों में सुनाई पड़ने लगी। देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने PM मोदी के ख़िलाफ़ आए ऐसे बयान के लिए कांग्रेस नेतृत्व से माफ़ी की मांग की। जबकि, बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने पटेरिया के बयान को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को उकसाने के मक़सद से दिया गया बयान क़रार दिया।