केंद्र सरकार देश भर में चल रहे मदरसों की जानकारी जुटाने की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश की तरह ही पूरे देश भर के मदरसों का सर्वे होगा। इस सर्वे के ज़रिए सभी मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पूरी जानकारी जुटाने की तैयारी है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय की क्या है पूरी प्लानिंग?
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देशभर में चले रहे मदरसों की जानकारी जुटाने के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। इस विशेष प्रकार के पोर्टल को तैयार करने के लिए एक एजेंसी को भी नियुक्त किया जा चुका है। अल्पसंख्यक मंत्रालय ने संसद में बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से पोर्टल पर मदरसों की जानकारी अपलोड करने को कहा जाएगा। केंद्र सरकार का मानना है कि मदरसों का डेटा एक जगह होने से सरकार को अपनी नीतियों और योजनाओं को प्रभावी तरीक़े से लागू करने में मदद मिलेगी। हालांकि, जिस तरह यूपी सरकार के मदरसों के सर्वे करने पर हंगामा मचा था, आशंका है कि उसी तर्ज़ पर केंद्र के इस सर्वे पर भी जमकर सियासत होगी
उत्तर प्रदेश में मचा था सियासी हंगामा
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने मदरसों के सर्वे का ऐलान किया था, तो विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठनों ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए थे। कहा था कि योगी सरकार मुस्लिम और मदरसों को टारगेट कर रही है, दरसअल, मदरसों में हो रही फंडिंग को लेकर लंबे वक्त से सवाल खड़े होते रहे हैं. कई बार देश भर के कई मदरसों में आतंकी संगठनों से फंडिंग के मामले भी सामने आए हैं. ऐसे में योगी सरकार ने दलीलें भी दी थी कि मदरसों में वित्तीय पारदर्शिता के लिए ये सर्वे ज़रूरी है।
उत्तर प्रदेश में सर्वे में क्या सामने आया?
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे (UP Madarsa Survey) का काम पूरा हो गया है। 75 जिलों से 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। सभी जिलों की रिपोर्ट शासन को मिल गई है। शासन अब जल्द ही मदरसों के सर्वे के आंकड़ों की समीक्षा करेगा। यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के मुताबिक अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी विस्तृत समीक्षा करेंगे, साथ ही इसमें ये भी देखा जाएगा कि इन मदरसों में तय मानकों पर काम हो रहा है या नहीं।
उत्तर प्रदेश में हुए सर्वे में क्या पता किया गया?
उत्तर प्रदेश में हुए सर्वे में मुख्य रूप से ये पता किया गया कि मदरसों की आय के क्या स्रोत हैं। साथ ही भवन, फर्नीचर, बिजली-पानी और शौचालय के क्या इंतजाम हैं और इन व्यवस्थाओं को कौन सी संस्था देखती है। इसके अलावा मदरसों की मान्यता की स्थिति, छात्रों की संख्या, उनकी सुरक्षा के इंतजाम, पाठ्यक्रम और पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जैसे कई बिंदुओं की पड़ताल की गई और जानकारी जुटाई गई।