ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका ने एक ऐसा प्रयोग किया है जो सफल रहा तो ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है। दावा है कि शोधकर्ताओं को क्लीन एनर्जी के बेहिसाब और सुरक्षित स्रोत को हासिल करने में बड़ी कामयाबी मिली है। सरल शब्दों में कहें तो अमेरिका ने नकली सूरज बनाया है, जिसे कैलिफोर्निया के Lawrence Livermore National Laboratory की National Ignition Facility में तैयार किया गया। विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि न्यूक्लियर फ्यूजन में ये सफलता बेहिसाब स्वच्छ ऊर्जा ला सकती है, जिससे कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिल सकती है।
‘नकली सूरज’ से पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता होगी ख़त्म ?
- लैब में पहली बार Nuclear fusion technique से क्लीन एनर्जी पैदा की गई
- न्यूक्लियर फ्यूजन से इतनी एनर्जी निकली कि इसे नकली सूरज माना जा सकता है
- ये तकनीक इतनी क्लीन एनर्जी पैदा करेगी, जिससे पेट्रोल, डीजल, गैस जैसे बायो एनर्जी पर निर्भरता खत्म हो सकती है
- इसे वैज्ञानिक खोजों में सबसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है
क्या होता है Nuclear fusion ?
- न्यूक्लियर फ्यूजन तब होता है जब दो या दो से ज्यादा परमाणु जुड़कर एक बड़े परमाणु में बदल जाते हैं
- अभी न्यूक्लियर फिजन यानी परमाणु विखंडन से बिजली पैदा होती है
- न्यूक्लियर फिजन में रेडियोएक्टिव कचरा निकलता है जो न्यूक्लियर फ्यूजन में नहीं होता
- सूरज और तारों में भी इसी तकनीक से ऊर्जा पैदा होती है
- इससे पहले चीन के हेफेई न्यूक्लियर रिएक्टर में वैज्ञानिकों को ऐसी ही कामयाबी मिली थी