आखिरकार जिसका डर था, उसका साया आहिस्ता-आहिस्ता हिन्दुस्तान को भी अपनी चपेट में लेने लगा है। खतरे की घंटी अभी धीमी जरूर है, मगर बज तो रही है। चीन समेत कई देशों में कहर बरपा रहे कोरोना को लेकर एक्सपर्ट ने जिस खतरे का अंदेशा जताया था, वो सच होता नज़र आ रहा है। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है। एयरपोर्ट, अस्पताल, जांच केंद्रों में हलचल बढ़ गई है। हर तरह के आयोजनों पर इसका असर नज़र आने लगा है। कई जगहों पर मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। लोगों से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने की अपील की जाने लगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा है कि, जहां भी केसेस दिखते हैं, आउटब्रेक्स ज्यादा नजर आते हैं, केसेस बढ़ते हैं, तो केंद्र सरकार राज्यों को अलर्ट मोड पर कुछ नोटिफिकेशन, कुछ गाइडलाइंस देते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़…
- बीते 24 घंटे में कोरोना के 268 नए मरीज मिले हैं
- इतने ही वक्त में 182 कोरोना मरीज ठीक भी हुए हैं
- बीते 24 घंटे में कोरोना की वजह से महाराष्ट्र में एक व्यक्ति की मौत हुई है
- एक दिन पहले 24 घंटे में कोरोना के 188 नए मरीज मिले थे
- 24 घंटे में कोरोना के मरीजों की संख्या में 80 की बढ़ोतरी हुई है
कोरोना से घबराना नहीं, सावधान रहना है
कई महीनों के बाद ऐसा हुआ है कि जब 24 घंटे में कोरोना के 80 नए मरीज मिले । हालांकि भारत की आबादी को देखते हुए ये बढ़ोतरी बहुत ज्यादा या बड़ी नहीं मानी जा सकती। जानकारों की मानें तो अभी तक कोरोना के मरीजों में ऐसे लक्षण नहीं दिखे हैं जिसे बेहद गंभीर या खतरे की घंटी माना जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक…
- भारत में इस वक्त कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 3 हजार 552 है, जो महज 0.01 प्रतिशत है।
- जबकि कोरोना से ठीक होने वालों की दर यानी रिकवरी रेट 98.8 प्रतिशत है।
- डेली पॉजिटिविटी रेट महज 0.11 प्रतिशत है और साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.17 प्रतिशत है।
- कोरोना पर नजर बनाए रखने के लिए बीते 24 घंटे में देशभर में 2 लाख 36 हजार 919 टेस्ट किए गए हैं।
कोविड-19 अभी ज़िंदा है, क्या कहता है पुराना इतिहास ?
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल कोरोना को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन आंकड़े ये भी ज़ाहिर करते हैं कि कोरोना अभी मरा नहीं है। लिहाजा, आंखें बंद कर लेने से भी काम नहीं चलने वाला। सबको अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि वैज्ञानिक तो भारत में इसके लगातार बढ़ने और पीक पर पहुंचने के वक्त का भी गुणा-भाग करने लगे हैं। अब तक लगाए गए अनुमानों के मुताबिक नया साल का पहला महीना यानी 2023 का जनवरी भारत के लिहाज से बदलाव भरा हो सकता है। क्रिसमस के बाद नए साल के जश्न के जोश में लापरवाही से कोरोना का ख़तरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, विदेश से आने वाले लोगों के जरिये कोरोना ने उन इलाक़ों में भी पैर पसारने शुरु कर दिए हैं, जहां महीनों से एक भी मरीज नहीं था। जनवरी में भारत में कोरोना के बढ़ने के अंदेशे की वजह एक ट्रेंड भी है।
- कोविड की पिछली लहरों का ट्रेंड देखें तो चीन, जापान, कोरिया में केस बढ़ने के 10 दिन बाद यूरोप और उसके बाद अमेरिका, लैटिन अमेरिका के देशों में केस बढ़ते हैं।
- फिर भारत में भी मामलों में इजाफा होता है। अगर इस बार भी ऐसा ही ट्रेंड रहा तो जनवरी में देश में कोरोना के केस बढ़ सकते हैं।
चीन, जापान के साथ अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में जिस तरह से कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं, उसे देखते हुए ही केंद्र सरकार ने यहां से आने वाले यात्रियों के लिए पहले ही कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे। जबकि अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि चीन, दक्षिण कोरिया और हांगकांग जैसे ज्यादा प्रभावित देशों से अपने वाले पैसेंजर्स के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य किया गया है।
नए साल का जश्न जरा संभलकर मनाएं
अब तक के ट्रेंड के मुताबिक आने वाले 35 से 40 दिन कोरोना के लिहाज से बेहद अहम साबित होने वाले हैं। साल 2022 को विदा करने से लेकर साल 2023 के पहले महीने तक ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होगी। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में ताजा लहर के पीछे कोरोना का सब वैरिएंट BF.7 है, इसलिए भारत में इसके असर की पड़ताल शुरू कर दी गई।
- भारत में ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट के चार मरीज मिले हैं
- इनके सैंपल को आइसोलेट किया जा चुका है।
- ये जानने की कोशिश हो रही है कि क्या भारत में बनी कोविड वैक्सीन BF.7 के इंफेक्शन से बचा सकती हैं।
- ये भी पता लगाया जा रहा है कि देसी वैक्सीन लेने वालों को गंभीर बीमारी का कितना खतरा है।
हालांकि अब तक भारत में BF.7 की वजह से कोरोना के मरीजों की संख्या पर खास असर नहीं पड़ा है। लेकिन इस नतीजे पर पहुंचने में अभी कुछ वक्त लगेगा। राहत की बात ये रही है कि विदेश से आए जिन 4 लोगों में BF.7 सब वैरिएंट मिले हैं उनमें या तो कोरोना के लक्षण नहीं दिखे या उनमें बीमारी के हल्के लक्षण दिखे। यही नहीं ये सभी जल्दी ठीक हो गए।