कंझावला केस में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, पहले ये सच सामने आया कि अंजलि के साथ उस रात स्कूटी पर उसकी दोस्त निधि भी थी और अब उसी सहेली ने सनसनीखेज खुलासा किया है। निधि ने कहा कि कार सवार लड़कों को पता था कि अंजलि कार के नीचे फंसी हुई है। वो कार के नीचे से चिल्ला रही थी, फिर वो वो लोग कार को भगाकर उसे घसीटते हुए ले गए। अंजलि की दोस्त निधि के इस खुलासे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अंजलि की जान जानबूझकर ली गई? उसे घसीटते हुए तड़पा-तड़पाकर मार डाला गया?
हादसे के बाद एक एकदम गायब हो गई निधि ने ये भी बताया कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया। अंजलि की दोस्त निधि ने बताया कि…
कार और स्कूटी की टक्कर आमने-सामने से हुई थी
मैंने डर की वजह से किसी को इस बारे में नहीं बताया
अंजलि नशे में थी और मैं डर गई थी, इसीलिए घर भाग गई थी
अंजलि गाड़ी के नीचे अटक गई थी, कार उसे घसीटते हुए ले गई
कार में सवार लड़कों को बता था कि अंजलि कार में फंसी है
मैं नहीं चाहती थी कि मेरे घर वालों पर बात आए इसलिए मैंने कुछ नहीं बोला
होटल में हमारे बीच लड़ाई नहीं हुई थी, सिर्फ चाबी को लेकर बहस हुई
हालांकि निधि की शराब वाली बात से अंजलि के परिवारवाले नाराज हो गए हैं, उनका कहना है कि निधि झूठ बोल रही है। अंजलि शराब पीती ही नहीं थी। परिवार ने निधि पर धारा 302 लगाने की मांग की है। ऐसे में पुलिस के आगे भी कई सवाल खड़े हो गए हैं
हालांकि एक सवाल ये भी है, पुलिस भले ही एक्सीडेंट की जगह से अंजलि का शव मिलने की जगह तक की दूरी 13-14 किलोमीटर नाप रही हो, लेकिन अंजलि के एक्सीडेंट की टाइमिंग और शव मिलने की टाइमिंग कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। जबकि एक्सीडेंट और शव मिलने की टाइमिंग देखें तो ये बात सामने आ रही है, कि अंजलि को 14 किलोमीटर नहीं बल्कि 40 किलोमीटर तक घसीटा गया।
- अंजलि की स्कूटी का एक्सीडेंट 2 बजकर 5 मिनट पर हुआ
- अंजलि का शव घटनास्थल से 13किमी दूर 4 बजकर 11 मिनट पर मिला
- मतलब ये कि एक्सीडेंट होने और शव मिलने के बीच का अंतर करीब 2 घंटे का है
- अगर कार की रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर भी रही होगी तो 2 घंटे में गाड़ी करीब 40 से 50 किलोमीटर चली होगी
मतलब ये कि अंजलि को 13-14 किलोमीटर नहीं बल्कि 40 किलोमीटर से भी ज्य़ादा दूरी तक घसीटा गया। वैसे पुलिस की रिपोर्ट भी यही कह रही है कि आरोपी कहीं भी नहीं रुके थे। अंजिल मौत मामले में तथाकथित 13-14 किलोमीटर के रूट पर 5 PCR वैन तैनात थीं । सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस कमिश्नर को PCR कॉल और मूवमेंट की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी गई है । इस रिपोर्ट के मुताबिक
- हादसे को लेकर 5-6 PCR कॉल आई
- जिसके बाद 9 PCR वैन तलाश में लगाई गईं
- जानकारी के मुताबिक 2 बजकर 18 मिनट पर पहली PCR कॉल मिली
- 2 बजकर 20 मिनट पर दूसरी PCR कॉल आई
- 3 बजकर 24 मिनट पर चश्मदीद दीपक ने 2 PCR कॉल कीं
- 4 बजकर 26 मिनट पर चश्मदीद साहिल ने कॉल की
- 4 बजकर 27 मिनट पर शव मिलने की कॉल आई
सारी कड़ियों को जोड़ दिया जाए तो पुलिस को एक के बाद एक 5 कॉल मिलीं लेकिन कोई भी पीसीआर वैन आरोपियों की कार नहीं तलाश कर पाईं । पुलिस का दावा है कि पीसीआर का रिस्पॉन्स टाइम ठीक था, लेकिन रात में धुंध थी, जिस कारण पीसीआर वैन पहुंचने के पहले कार निकल जाती थी । दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि…
- आरोपियों को पता था कि उन्होंने स्कूटी सवार लडकी को टक्कर मारी है
- उन्होंने 2 से 3 बार लड़की को कार आगे पीछे करके कुचला
- आरोपियों ने 2.5 किमी चलने के बाद लड़की का घिसटता हुआ हाथ देख लिया था
- लेकिन रास्ते में खड़ी पीसीआर वैन देखकर फिर से युवती को घसीटने लगे
- युवती को गिराने के लिए आरोपियों ने 4 बार से ज्यादा यू-टर्न लिया
- इस दौरान कार सुल्तानपुरी, अमन विहार, प्रेम नगर और कंझावला थाने के इलाके से होकर गुजरी लेकिन कहीं ट्रेस नहीं की जा सकी
कंझावला केस में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की रिपोर्ट भी आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक अंजलि कार के फ्रंट लेफ्ट टायर में फंसी थी। इस टायर के पीछे ज्यादातर खून के धब्बे पाए गए हैं। कार के नीचे दूसरे हिस्सों में भी खून के धब्बे मिले हैं। हालांकि रिपोर्ट में लिखा है कि कार के अंदर अंजलि के होने का कोई सबूत नहीं मिला है। इससे पहले मंगलवार को अंजलि की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप ना होने की पुष्टि भी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंजलि के शरीर पर 40 जख्मों के निशान मिले और सिर की हड्डी भी टूटी हुई मिली।