आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को उसी के पालतू आतंकियों ने एक बार फिर तगड़ी चोट पहुंचाई। पेशावर की एक मस्जिद में फिदायीन हमला हुआ जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से ज़्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए। पाकिस्तान मीडिया की मानें तो फिदायीन हमला पुलिस लाइन के पास मौजूद एक मस्जिद में उस वक्त हुआ जब 550 लोग दोपहर की नमाज़ की तैयारी कर रहे थे। 1.40 मिनट पर हुए इस धमाके से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मस्जिद का अगला हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया। जबकि मस्जिद के अंदर की छत और दीवारों को भी नुक़सान पहुंचा।
पेशावर के ‘रेड ज़ोन’ में आतंक का खूनी खेल
पुलिस लाइन के ठीक पास होने के कारण हमले के फौरन बाद पुलिसकर्मी वहां पहुंच गए और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर जख्मी लोगों को पास में ही मौजूद लेडी रीडिंग अस्पताल पहुंचाने लगे। पाकिस्तान मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एक आत्मघाती हमलावर मस्जिद के अंदर दाखिलल हुआ और उसने खुद को उड़ा लिया। लेकिन, सवाल ये उठ रहे हैं कि पुलिस लाइन जैसी सुरक्षित जगह पर फिदायीन हमला हुआ कैसे। दरअसल, पेशावर की पुलिस लाइन में सुरक्षा के भारी बंदोबस्त रहते हैं। रेड ज़ोन वाले इस इलाके में आने वाले लोगों के सिक्योरिटी चेक से होकर गुजरना पड़ता है। यही नहीं इस इलाके में आने वाले हर शख्स को अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज कराना होता है। क्योंकि सिर्फ पुलिस लाइन ही नहीं बल्कि इस इलाके में सचिवालय और काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट का दफ्तर भी है जहां आला अधिकारी बैठते हैं।
TTP रुकेगा नहीं और पाकिस्तान झुकेगा नहीं ?
पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस इलाके में TTP का खासा दबदबा है और पिछले दिनों इसी संगठन ने यहां हमले की धमकी भी दी थी। सीज़फायर खत्म होने के बाद पाकिस्तान में TTP के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। इन हमलों की चपेट में राजधानी इस्लामाबाद भी आ गई है। पिछले महीने ही इस्लामाबाद में एक आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें एक पुलिस अफसर मारा गया था और 6 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद शाहबाज शरीफ ने कैबिनेट की स्पेशल मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि, ‘पाकिस्तान अपनी हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अगर अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने TTP को नहीं रोका तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मारेंगे।’ लेकिन, यहां हो उल्टा रहा है। पाकिस्तान की सेना, पुलिस और लोगों का TTP चुन-चुन कर शिकार कर रही है।