कट्टरपंथ की जंजीरों में जकड़े पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को रौंदने का वाकया पेश आया। पाकिस्तान के कराची में TLP यानि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय की एक मस्जिद के गुंबदों और मीनारों को तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में, लोगों को कराची सदर में एक अहमदी मस्जिद के ऊपर चढ़ते और ढांचे पर हथौड़े से वार करते हुए देखा गया।
अहमदिया मुसलमानों पर अत्याचारों का इतिहास
ये हमला पाकिस्तान में अहमदिया पूजा स्थलों पर हुए हमलों की कड़ी में एक और है। हाल ही में कराची में जमशेद रोड पर अहमदी जमात खाता की मीनारों को ध्वस्त कर दिया गया था। जबकि, पिछले साल दिसंबर में पुलिस ने पंजाब के गुजरांवाला में एक मस्जिद से मीनारें हटा दी थीं। नीचे वीडियो में देखिए कैसे पाकिस्तान के कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों के खिलाफ ज़हर उगलते हैं।
कहां से आए अहमदिया मुसलमान, कौन हैं मिर्ज़ा गुलाम ?
अहमदिया संप्रदाय की उत्पत्ति भारत के पंजाब में अमृतसर के पास कादियान में हुई। मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में इस समुदाय की स्थापना की। इस्लाम के कुछ पहलुओं के विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि उनके आने की न केवल मुसलमानों द्वारा बल्कि ईसाइयों और यहूदियों द्वारा भी प्रतीक्षा की जा रही थी। पाकिस्तान में लगभग 20 से 50 लाख अहमदिया मुस्लिम हैं। ये समुदाय भारत में भी मौजूद है, और कुछ का अनुमान है कि यहां उनकी संख्या लगभग 1 लाख है। अहमदिया समुदाय पाकिस्तान में लगातार हमलों और उत्पीड़न का सामना करता है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने पहले पंजाब प्रांत के वज़ीराबाद जिले में एक अहमदिया पूजा स्थल की बदहाली की कड़ी निंदा की और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ऐसे स्थानों की सुरक्षा का आह्वान किया।