लगभग एक सदी में सबसे शक्तिशाली भूकंप ने सोमवार तड़के तुर्किए और सीरिया को दहला दिया, जिससे 1,400 से अधिक लोग मारे गए, इमारतें जमींदोज़ हो गईं और दहला देने वाले झटके महसूस किए गए। इन झटकों का दायरा कितना अधिक था इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तुर्किए से 5501 किलोमीटर दूर ग्रीनलैंड भी सहम उठा। यहां भी ज़लज़ला आया और धरती कांपने लगी।
7.8 तीव्रता वाला भूकंप रात के समय आया जब लोग गहरी नींद में थे। लेकिन, कुछ घंटों बाद लाखों लोगों से भरे इलाके, तुर्किए के प्रमुख शहरों और बाज़ारों का नाम-ओ-निशान मिट गया। सीरिया के राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के प्रमुख रायद अहमद ने इसे इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा भूकंप बताया। प्रारंभिक भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए, जिनमें 7.5-तीव्रता का झटका भी शामिल है।
राज्य मीडिया और चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि सीरिया के विद्रोही और सरकार-नियंत्रित हिस्सों में कम से कम 560 लोग मारे गए। जबकि, राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के मुताबिक, तुर्की में 912 और लोगों की मौत हो गई। तुर्किए में आए विनाशकारी भूकंप में बचे लोग पजामे में बर्फ से ढकी सड़कों पर भागे, जबकि रेस्क्यू वर्कर्स को क्षतिग्रस्त घरों के मलबे को अपने हाथों से खोदते हुए देखा।
बर्फ़ीले तूफ़ान से बचाव और राहत के काम में दिक्कत आ रही है। प्रमुख सड़कें से ढकी हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप की वजह से क्षेत्र में तीन प्रमुख हवाई अड्डों पर काम उड़ानें रुक गईं, जिसकी वजह से भी रेस्क्यू के काम में परेशान आ रही है।
US जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि पहला भूकंप तुर्किए के शहर गाज़ियांटेप के पास लगभग 17.9 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर सुबह 04:17 बजे (0117 GMT) आया, जहां लगभग 20 लाख घर हैं। जबकि, डेनमार्क के भूवैज्ञानिक संस्थान ने कहा कि भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए। तुर्किए टेलीविजन पर प्रसारित तस्वीरों में दिखाया गया कि बचावकर्मी सीरिया की सीमा से सटे लगभग सभी बड़े शहरों के रिहायशी इलाकों में मलबे की खुदाई कर रहे हैं।