दिल्ली नगर निगम में सामने आई तस्वीरों ने सदन की गरिमा को शून्य में धकेल दिया। सदन में कल रात से लेकर आज तक क्या नहीं हुआ। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने एक दूसरे पर जमकर लात-घूसे चलाए, बोतलें फेंककर मारी, हाथापाई की, धक्का-मुक्की की और कागज के गोले बरसाते रहे। इस ताडंव में कभी माइक उछलकर आता तो कभी टेबल गिराया जाता। सदन के अंदर ऐसा संग्राम छिड़ा था, कि प्रतिनिधियों को वोट देकर लोकतंत्र के मंदिर में पहुंचाने वाली जनता ही सोचने पर मजबूर हो गई, कि कीमती वोट कौड़ी के भाव चला गया।
ये सारा हंगामा स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव को लेकर हुआ। बुधवार को MCD की बैठक शुरू हुई थी, 3 बैठकों के नाकाम होने के बाद जब कोर्ट ने दखलंदाजी की तब जाकर किसी तरह मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव को किसी तरह हो गया। मगर जैसे ही स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव की बारी आई, पार्षदों ने तांडव कर दिया। दरअसल नई मेयर शैली ओबेरॉय ने मोबाइल साथ लेकर वोट डालने की इजाजत दी थी। करीब 50 वोट डलने के बाद बीजेपी ने इस बात का विरोध किया कि जब मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में पेन और मोबाइल की अनुमति नहीं थी तो स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में मोबाइल ले जाने की अनुमति क्यों दी गई। इसी के बाद MCD में गुंडागर्दी, बेशर्मी और मारपीट का खेल शुरू हो गया।
हंगामे को लेकर मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक तब स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव कराए जा रहे थे तब बीजेपी के पार्षदों ने मुझ पर हमला करने की कोशिश की। बीजेपी की गुंडागर्दी की ये हद कि वो एक महिला मेयर पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस हंगामे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हैरानी जताई।
बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद ने हमारे पार्षद को थप्पड़ा मारा है। कुछ वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें पार्षद एक दूसरे के साथ मारामारी करते दिख रहे हैं। कई बार हुए इस हंगामे के कारण आखिरकार सदन की कार्यवाही शुक्रवार की सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव अधर में लटक गया।