एक वक्त था, जब सत्ता इमरान के हाथों में थी तो वो चुन-चुन कर अपने विरोधियों को ठिकाने लगा रहे थे। वो कहते थे कि भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को जेल की चक्का पिसवाएंगे। वो कहते थे कि कानून से बड़ा कोई नहीं है और भ्रष्ट नेताओं को सज़ा मिलकर रहेगी। लेकिन, सत्ता गंवाने के बाद जब इमरान खान पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो वो अपने ही रुख से पलट गए। तोशाखाना मामले (विदेशों से मिले महंगे गिफ्ट बेचने का मामला) में जब इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटने लगी, तो वो सरकार को ही कटघरे में खड़ा करने लगे। आरोप लगाने लगे कि पाकिस्तान की PDM सरकार उनके खिलाफ फर्जी मुकदमें बनाकर जेल भेजने की साज़िश रच रही है। यही नहीं जो इमरान खान कल तक पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आसिम मुनीर को पानी पी-पीकर कोसा करते थे, उन्हीं से मिलने की गुज़ारिश करने लगे।
पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार और न्यूज़ एंकर कामरान खान ने दावा किया है कि जेल जाने से बचने के लिए इमरान खान ने सेना प्रमुख आसिम मुनीर का दरवाज़ा खटखटाया था। उन्होंने बताया कि…
- इमरान खान ने आसिम मुनीर से मिलने का वक्त मांगा था
- मुनीर से मुलाकात के लिए इमरान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से पैरवी की थी
- जिसके बाद आरिफ अल्वी ने आसिम मुनीर से इस मामले में बात की
- लेकिन, सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने इमरान से ना मिलने का फैसला किया
- आसिम मुनीर ने राजनीतिक मामलों से दूर रहने का हवाला देते हुए इनकार कर दिया
हालांकि, इमरान के करीबी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने न्यूज़ एंकर कामरान खान के इस दावे को गलत बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि, इमरान खान ने आसिम मुनीर से मिलने की कभी दरख्वास्त नहीं की।
इमरान खान पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ भले ही जेल जाने से बचने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हों, लेकिन वो बच नहीं पाएंगे। शहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है। सरकार ने इमरान खान के भ्रष्टाचार से जुड़ी ब्लैक डायरी अदालत को सौंप दी है। इस ब्लैक डायरी में ना सिर्फ तोशाखाना मामला है जिसमें विदेश से मिले महंगे गिफ्ट बेचने का आरोप है, बल्कि ये आरोप भी है कि…
- इमरान खान ने अल कादर ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों की सरकारी ज़मीन हड़प ली
- इमरान खान ने करीब 450 कनाल ज़मीन पर अवैध तरीके से कब्ज़ा कर लिया
- अल कादर ट्रस्ट को इमरान ने पीएम रहते ज़मीन आवंटित कर दी
- जबकि अल कादर ट्रस्ट के ट्रस्टी वो खुद और उनकी पत्नी बुशरा बीबी हैं
- यही नहीं इमरान खान ने बुशरा की सहेली फराह गोगी को 250 कनाल ज़मीन दी
- फराह गोगी ने इमरान खान के ब्लैक मनी को विदेशी बैंकों में जमा कराया
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने नामंजूर की इमरान की अपील
एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी, इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए ना सिर्फ भ्रष्टाचार किया, बल्कि अब वो अपने समर्थकों को ढाल बनाकर गिरफ्तारी से बचना चाह रहे हैं। इमरान खान अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने तोशाखाना मामले में जारी अरेस्ट वारंट को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से रद्द करने की अपील की। लेकिन, कोर्ट ने इस अपील को रद्द करने से इनकार कर दिया। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान की लीगल टीम से पूछा कि वो अदालत में कब हाज़िर होंगे। यही नहीं कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, ऐसा लगता है कि इमरान कोर्ट के सामने पेश होना ही नहीं चाहते। कोर्ट ने ये टिप्पणी करने के बाद सुनवाई टाल दी।
इमरान खान पर सरकार और अदालत के बीच जंग!
इमरान खान के खिलाफ अदालते सख्त टिप्पणियां तो कर रही हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि कहीं ना कहीं वो इमरान खान को रियायत भी दे रही हैं। फिर चाहे कोर्ट में पेशी से छूट हो, या फिर देर से हाज़िर होने की आज़ादी। लिहाज़ा, अब पाकिस्तान की सरकार ने अदालतों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि…
''मैं हाथ जोड़कर अदालतों से अर्ज़ करूंगा कि जिस तरह बाकी सियासतदानों को कानून और कायदे के मुताबिक सज़ा दी जाती रही है, उसी तरह इमरान खान के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। ये ना लगे कि उनको रियायत दी जा रही है, या उनके साथ कुछ ऐसा किया जा रहा है जो आम शहरी को मुहैया नहीं है।''
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार को इमरान को गिरफ्तार करने की जल्दी नहीं है, लेकिन अगर वो अदालत के सामने पेश नहीं होते तो फिर कानूनी कार्रवाई करनी ही पड़ेगी। उन्होंने इमरान खान को डरपोक और चूहों की तरह छिपने वाला कायर नेता बताया। उन्होंने कहा कि इमरान खान में हिम्मत नहीं हैं, उन्हें नवाज़ शरीफ से हिम्मत लेनी चाहिए, जो ना सिर्फ अदालत के सामने पेश हुए, बल्कि जेल की सज़ा भी काटी।
गिरफ्तारी से बचने के लिए बुर्के में भागे थे इमरान!
रविवार को इस्लामाबाद और लाहौर की पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। पुलिस की टीमें उनके लाहौर स्थित ज़मान पार्क वाले आवास पर पहुंची थीं। लेकिन, इमरान के समर्थकों ने पहले तो पुलिस को घर के अंदर दाखिल ही नहीं होने दिया। फिर कानून का हवाला देकर पुलिस जैसे-तैसे घर के अंदर गई तो बताया गया कि वो घर में हैं ही नहीं। इसके बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया कि, इमरान खान गिरफ्तारी से बचने के लिए दीवार फांद कर पड़ोसी के घर में छिप गए थे। यही नहीं उन्होंने बुर्का पहन रखा था ताकि कोई उन्हें पहचान ना सके। राणा सनाउल्लाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, पुलिस दरअसल इमरान को गिरफ्तार करने नहीं गई थी, बल्कि वो उन्हें अपने साथ लेकर अदालत में पेश करना चाहती थी, क्योंकि इमरान कोर्ट के आदेश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे।