Friday, October 18, 2024
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Indo-Japan Friendship: गोलगप्पे से पीएम मोदी ने दुनिया को दिया बड़ा संदेश, जानिए कैसे जापान फिर हुआ मोदी का मुरीद

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) दो दिन के भारत दौरे पर हैं। फुमियो किशिदा ने सोमवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की। किशिदा ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी योजना पेश करने के बाद कहा कि इलाके में शांति और स्थिरता के लिए भारत का अहम योगदान है और किसी भी देश को अपने क्षेत्रीय दावे को आगे बढ़ाने की कोशिश में बल प्रयोग नहीं करना चाहिए। किशिदा ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की भी कड़ी निंदा की और कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के वैश्विक सिद्धांतों का दुनिया के हर कोने में पालन किया जाना चाहिए। फुमियो किशिदा ने यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिए संदेश का भी उल्लेख किया कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। दोनों देशों के नेताओं के बीच रक्षा, तकनीक और आपसी सहयोग को लेकर लंबी बातचीत हुई। चीन के विस्तारवाद पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई।

नरेंद्र मोदी और फुमियो किशिदा के मुलाकात की तस्वीरें

द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी और फुमियो किशिदा बुद्ध जयंती पार्क पहुंचे। यहां दोनों ने बाल बुद्ध वृक्ष पर फूल चढ़ाए। इस दौरान फुमियों ने भारत के पारंपरिक खाने का स्वाद चखाष। पीएम मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री को गोलगप्पे खिलाए और उसके बाद लस्सी का स्वाद भी चखाया। खाने के बाद दोनों दिल्ली के बुद्ध पार्क में सैर करते नजर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की राजकीय यात्रा पर आए फुमियो किशिदा को कदम्ब की लकड़ी से बना जालीदार बक्से में लगी चंदन की बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। चंदन की नक्काशी की कला एक प्राचीन शिल्प है जो सदियों से दक्षिणी भारतीय राज्य में प्रचलित है और इस शिल्प में सुगंधित चंदन के ब्लॉकों में जटिल डिजाइनों को तराशना, जटिल मूर्तियां, मूर्तियां और अन्य सजावटी सामान बनाना शामिल है।

जापान के प्रधानमंत्री ने दोहराए दोस्ती के वादे

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ व्यापक वार्ता करने के कुछ घंटे बाद भाषण दिया। किशिदा ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के लिए अपने दृष्टिकोण का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अपरिहार्य है। जापानी प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि टोक्यो दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थिरता में योगदान देने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा। किशिदा की भारत यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दिनों G-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जापान के विदेश मंत्री शामिल नहीं हुए थे, जिसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे।

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