कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब सांसद नहीं रहे। मोदी सरनेम मानहानि केस के बाद उन्हें अयोग्य ठहराते हुए उनकी सांसद सदस्यता रद्द कर दी गई। राहुल गांधी अगला लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। जाहिर है कांग्रेस पार्टी विपक्ष के महागठबंधन की अगुवाई का जो सपना देख रही थी। वो चकनाचूर हो गया है। राहुल गांधी के पीएम कैंडिडेट बनने की राह पर बिग ब्रेक लग गया है। ऐसे में अब नई चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने से आया ये संकट किसके लिए सौगात लेकर आया है? अब राहुल नहीं तो कौन?
ममता बनर्जी और नीतीश के नाम की चर्चा
पीएम कैंडिडेट की रेस में राहुल गांधी ही सबसे आगे माने जा रहे थे। क्योंकि सियासी पंडित ये गुणा-गणित लगा रहे थे कि राहुल गांधी के रहते नीतीश कुमार या फिर ममता बनर्जी को पीएम पद का चेहरा बनाना कोई हजम नहीं कर पाएगा। हालांकि नीतीश कुमार ने अगुवा बनने की कोशिशें जरूर की।
बिहार में सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे। मगर बात क्या हुई, इसको लेकर किसी ने जुबां नहीं खोली। तो फिर कयास लगाए जाने लगे कि फिलहाल तो नीतीश कुमार की अगुवा बनने की कसरत मुकाम तक नहीं पहुंच पाई। मगर अब जबकि राहुल गांधी रास्ते से साफ हो गए हैं, तो चर्चाओं ने फिर जोर पकड़ लिया है कि क्या नीतीश कुमार की दावेदारी मजबूत हो गई।
हालांकि यहां सवाल ये भी उठता है कि ममता बनर्जी, अखिलेश यादव केसीआर जैसे नेता नीतीश कुमार की छत्रछाया स्वीकार कर पाएंगे?
प्रियंका गांधी पर दांव खेल सकती है कांग्रेस!
ऐसे वक्त में जब लोकसभा चुनाव सिर पर हों, राहुल गांधी की सदस्यता चली जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ी त्रासदी है। वो भी तब जब कांग्रेस सिद्दत से मोदी हटाओ का सपना आंख में सजाए बैठी है। तो क्या अब कांग्रेस के पास एक ही विकल्प बचा है प्रियंका गांधी वाड्रा? क्या कांग्रेस को अब प्रियंका के नाम पर दांव खेलना ही पड़ेगा ताकि वो महागठबंधन की अगुवाई कर सके? हालांकि दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है। इसे अडानी से जोड़कर षड़यंत्र बताकर जनता के बीच जाने की तैयारी है।