रूस और यूक्रेन के बीच पिछले एक साल से जंग चल रही है। पश्चिमी देशों की मदद से यूक्रेन लगातार रूस से लोहा ले रहा है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और फ्रांस से लेकर जापान तक यूक्रेन के हाथ मज़बूत कर रहे हैं। लेकिन, अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ ऐसा कर दिया है कि पूरी दुनिया में सनसनी फैल गई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन सीमा के पास परमाणु मिसाइल तैनात करने का ऐलान कर दिया है। 1990 के बाद से पहली बार ऐसा हो रहा है जब रूस किसी और देश में अपने परमाणु हथियार तैनात करेगा। पुतिन ने कहा कि वो बेलारूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन तैनात करेंगे। हालांकि, पुतिन ने ये भी कहा कि वो ऐसा बेलारूस के कहने पर कर रहे हैं क्योंकि उसकी सुरक्षा को भी खतरा है।
परमाणु हथियारों की तैनाती पर पुतिन की सफाई
राष्ट्रपति पुतिन ने बेलारूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन की तैनाती के फैसले का ये कहते हुए बचाव किया कि वो न्यूक्लियर ट्रीटी का उल्लंघन नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि, ‘अमेरिका अपने सहयोगी देशों में परमाणु हथियार क्यों तैनात करता है। हम अपने क्षेत्र में, चालक दल, पायलटों को प्रशिक्षित करते हैं, ऐसे में अगर ज़रूरी हो तो इस प्रकार के हथियारों का उपयोग कैसे करें।’ पुतिन ने ये भी कहा कि, ब्रिटेन जो गोला-बारूद यूक्रेन को भेज रहा है उसमें यूरेनियम मौजूद है। पश्चिम और यूरोपीय देश लगातार गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं। लिहाज़ा, उन्हें मजबूरी में ये कदम उठाना पड़ा।’
पुतिन के परमाणु प्लान पर अमेरिका का आया ये बयान
अमेरिका ने पुतिन के इस फैसले पर कहा है कि फिलहाल इसके कोई संकेत नहीं हैं कि रूस परमाणु हथियारों की तैनाती के साथ उनका इस्तेमाल भी करेगा। हालांकि, अमेरिका की ओर से ये बयान भी आया कि अगर रूस न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करता है तो एक साथ मिलकर NATO देशों की रक्षा के लिए लड़ा जाएगा। लेकिन, रूस अपनी सैन्य तैयारियों को मज़बूत बनाने में जुटा है। खुद राष्ट्रपति पुतिन की मानें तो…
- बेलारूस में परमाणु हथियार के लिए एक स्पेशल स्टोरेज फैलिसिटी बनाई जा रही है
- स्पेशल स्टोरेज फैलिसिटी बनाने का काम जुलाई की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा
- बेलारूस में कई इस्कंदर मिसाइल सिस्टम भेजे जा चुके हैं
- इन मिसाइलों में न्यूक्लियर वॉरहेड लगाए जा सकते हैं
- रूस बेलारूस को इन हथियारों का कंट्रोल नहीं देगा, ये सिर्फ वहां तैनात रहेंगे।
- बेलारूस के 10 एयरक्राफ्ट्स को टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन ले जाने के लिए सक्षम बना दिया गया है।
- अगले महीने से बेलारूस के पायलटों की ट्रेनिंग शुरु होगी।
क्या होता है टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन?
टैक्टिकल परमाणु हथियारों की विस्फोटक क्षमता एक किलोटन से लेकर लगभग 100 किलोटन तक हो सकती है। जबकि स्ट्रैटेजिक परमाणु हथियारों की मारक क्षमता एक हजार किलोटन तक हो सकती है। 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी को तबाह करने वाले बम 12 से 21 किलोटन के बीच थे। टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन्स को गैर-रणनीतिक परमाणु हथियार भी कहा जाता है। आम तौर पर युद्ध के मैदान में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं और रणनीतिक, या लंबी दूरी के परमाणु हथियारों की तुलना में कम रेंज वाले होते हैं। इन्हें सीधे विरोधी देश पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।