दीदी का बंगाल जल रहा है। रामनवमी के मौके पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हिंसा हुई। आगज़नी, तोड़फोड़ और पत्थरबाज़ी हुई। रामभक्तों की शोभायात्रा को निशाना बनाकर हमला किया गया। लेकिन, दीदी राज में हुड़दंगी किस कदर बेखौफ हैं इसकी मिसाल शुक्रवार को एक बार फिर नज़र आई। हावड़ा के कमिश्नर ऑफ पुलिस दल-बल के साथ गश्त कर रहे थे। हावड़ा के शिबपुर इलाके में तनाव और गुरुवार रात को हुई हिंसा के मद्देनज़र पुलिस की भारी तैनाती थी। लेकिन, पुलिस की मौजूदगी में एक बार फिर दंगा भड़क उठा।
दंगाइयों को रोकने में नाकाम हुई दीदी की पुलिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हावड़ा के शिबपुर इलाके में मुंह पर रुमाल और हाथों में लाठी, डंडे और पत्थर लिए हुड़दंगी सड़कों पर उतर आए। हिंसा पर उतारू इस भीड़ ने पुलिस के सामने गाड़ियों के शीशे तोड़े, मकानों पर पत्थर फेंके, दुकानों में तोड़फोड़ की, यहां तक की शिबपुर की पुलिस थाने पर भी हमला कर दिया। पुलिस मूकदर्शक बनी रही और हिंसा पर आमादा भीड़ दहशत फैलाती रही। तस्वीरों में साफ नज़र आया कि पुलिस दंगाइयों को रोकने में नाकाम साबित हुई। हालांकि, जब पुलिस की लगा कि मामला और ज़्यादा बिगड़ सकता है तो उसने दंगाइयों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, उनके सिर पर तो जैसे खून सवार था। पुलिस के लाख समझाने के बावजूद वो नहीं माने और काफी देर तक तक हंगामा करते रहे। दंगाइयों ने रिहायशी इलाकों में घुसपैठ की और जमकर तोड़फोड़ मचाई। एक वीडियो में तो दंगाई एक सोसायटी की गेट तोड़कर अंदर घुस गए, जिससे लोग आतंकित नज़र आए।
ममता सरकार पर बीजेपी और VHP का हल्ला बोल
हावड़ा में एक बार फिर हुई हिंसा के बाद बीजेपी ने ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। बीजेपी ने ममता बनर्जी पर दंगाइयों को शरण देने का आरोप लगाया। सुवेंदु अधिकारी ने तो कोलकाता हाईकोर्ट में हावड़ा हिंसा की जांच कराने की अपील की। उन्होंने NIA या फिर CBI से इस मामले की जांच कराने की अपील की। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ममता बनर्जी पर दंगाइयों के खिलाफ एक्शन ना लेने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी पर घुसपैठियों को बसाने का आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा में रामनवमी और उसके दूसरे दिन हुई हिंसा के लिए बीजेपी पर ही आरोप मढ़ दिया। उन्होंने शुक्रवार (31 मार्च) को दावा किया कि राम नवमी के दिन हावड़ा में हुई हिंसा के लिए बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन जिम्मेदार हैं। यही नहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि रामनवमी की शोभायात्रा तय रूट से हट गई थी, और जानबूझकर इसे मुस्लिम बहुल इलाके में ले जाया गया। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद ने उनके इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया, और कहा कि वो तय रूट पर ही थे। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि, ममता बनर्जी उलटे हिंदुओं पर ही आरोप लगी रही हैं कि उन्होंने जुलूस निकाला ही क्यों। आलोक कुमार ने ममता बनर्जी पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य में बसाने का आरोप लगाया।
हावड़ा हिंसा में 40 गिरफ्तार…बाकी के सैकड़ों फरार
गुरुवार को हुई हिंसा के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि था कि वो हावड़ा हिंसा के दोषियों को बख्शेंगी नहीं। बंगाल पुलिस ने इस मामले में अबतक करीब 40 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन सवाल ये है कि ममता बनर्जी किसे दोषी समझती हैं, उनकी पुलिस पर मुस्लिमों को संरक्षण देने का आरोप क्यों लग रहा है, हावड़ा में हिंसा करने वाले कौन थे, क्या तस्वीरों में पत्थरबाज़ी और हिंसा करते दिख रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कानून के तहत कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, और उससे भी बड़ा सवाल ये कि रामनवमी पर हिंसा का अंदेशा होते हुए भी ममता बनर्जी सरकार ने एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए, बंगाल की पुलिस क्या रही थी।
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