कांग्रेस समेत देश की 14 विपक्षी पार्टियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केन्द्रीय जांच एजेंसियों (ED AND CBI) के दुरुपयोग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। 14 विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि CBI और ED मोदी सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ही कार्रवाई कर रही है। याचिका विपक्षी दलों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने दायर की थी। उन्होंने कहा कि 14 राजनीतिक दल देश के 42% इलेक्टोरेट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनपर असर पड़ेगा तो लोग भी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
सिंघवी का तर्क, CJI की सख्त टिप्पणी
सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि 2013-14 से 2021-22 तक सीबीआई और ईडी के मामलों में 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ED द्वारा 121 नेताओं की जांच की गई है, जिनमें से 95 प्रतिशत विपक्षी दलों से हैं। जिसपर चीफ जस्टिस की बेंच ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या हम इन आंकड़ों की वजह से कह सकते हैं कि कोई जांच या कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीबी पादरीवाला ने सख्त टिप्पणी की और पूछा कि आखिर नेताओं और आम आदमी के लिए अलग अलग कानून क्यों हो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई नेता या व्यक्ति अपना केस लेकर आता है तो हम सुनेंगे। लेकिन, हम जनरल गाइडलाइन्स जारी नहीं कर सकते।
‘राजनीति का इलाज राजनीति में, अदालत में नहीं’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या हम सामान्य केस में ये कह सकते है कि अगर जांच से भागने या दूसरी शर्तों के हनन की आशंका न हो तो किसी शख्स की गिरफ्तारी न हो। अगर हम दूसरे मामलों में ऐसा नहीं कह सकते तो फिर राजनेताओं के केस में कैसे कह सकते हैं। आप बार बार लोकतंत्र की बात कर रहे है, संविधान के मूल ढांचे की बात कर रहे है। हम समझ रहे हैं कि ये राजनीतिक दलों की याचिका है। CJI ने कहा कि जब आप कहते हैं कि विपक्ष की जगह सिकुड़ गई है तो उसका निदान उसी जगह, राजनीति में है, अदालत में नहीं। जिसके बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका वापस ले ली और सुनवाई खत्म हो गई।
याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट),DMK,RJD, भारत राष्ट्र समिति, झारखंड मुक्ति मोर्चा, JDU,मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां शामिल थी। याचिका में CBI और ED की हाल में हुई छापेमारी का जिक्र किया गया था।
याचिका दायर करने वाले दलों में कौन-कौन शामिल
याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), DMK, RJD, भारत राष्ट्र समिति, झारखंड मुक्ति मोर्चा, JDU,मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियां शामिल थी। याचिका में CBI और ED की हाल में हुई छापेमारी का जिक्र किया गया था।