कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी आज बीजेपी में शामिल हो गए। अनिल एंटनी केरल के एक कांग्रेस नेता थे। उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद के बाद जनवरी में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। भाजपा नेताओं पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन और पार्टी की केरल इकाई के प्रमुख के सुरेंद्रन ने आज एक औपचारिक कार्यक्रम में पूर्व कांग्रेस नेता का अपनी पार्टी में स्वागत किया।
अनिल एंटनी ने संवाददाताओं से कहा कि…
"हर कांग्रेस कार्यकर्ता का मानना है कि वो एक परिवार के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन मेरा मानना था कि मैं कांग्रेस के लिए काम कर रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास बहु-ध्रुवीय दुनिया में भारत को अग्रणी स्थान पर लाने का बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण है।"
अनिल एंटनी ने BBC की डॉक्यूमेंट्री का किया था विरोध
पार्टी छोड़ने से पहले अनिल एंटनी केरल में कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल चलाते थे। उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को “भारत के खिलाफ पक्षपातपूर्ण” कहा था और इसका विरोध किया था। जबकि कांग्रेस ने पीएम मोदी पर हमला करने के लिए डॉक्यूमेंट्री का हवाला दिया था, जिसमें उन पर भारतीय राजनीति में विपक्ष के स्थान को कम करने के लिए ऑर्केस्ट्रेटेड चाल का आरोप लगाया था। कांग्रेस नेताओं ने एंटनी के पार्टी से हटकर स्टेटमेंट देने के लिए उनका विरोध किया था। जिसके बाद अनिल एंटनी ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था।
भाजपा नेता पीयूष गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि, “अनिल एंटनी एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं। जब मैंने अनिल एंटनी जी की साख देखी तो मैं बहुत प्रभावित हुआ।”
केरल के लिए अनिल एंटनी की एंट्री के मायने
अनिल एंटनी का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक झटका है क्योंकि उनके पिता पार्टी के दिग्गज और वफादार हैं जो रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि अनिल एंटनी केरल में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में सक्षम होंगे और एक बड़े मतदाता आधार, विशेष रूप से ईसाइयों से समर्थन जुटाएंगे। भाजपा केरल में वामपंथी गढ़ को प्रभावी ढंग से तोड़ने में अभी तक सक्षम नहीं हुई है। ऐसे में अनिल एंटनी बीजेपी के लिए तुरुप का इक्का भी साबित हो सकते हैं।