Thursday, December 26, 2024
HomeदेशPakistan connection of Atique murder case: पाकिस्तान से आई अतीक और अशरफ...

Pakistan connection of Atique murder case: पाकिस्तान से आई अतीक और अशरफ की मौत, जानिए आतंकिस्तान की किस आर्म्स सिटी से है डॉन ब्रदर्स की हत्या का कनेक्शन

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है कोहट ज़िला। यहां भाषा तो पश्तो बोली जाती है, लेकिन यहां के लोग समझते बंदूक की भाषा ही हैं। दरअसल, कोहट जिला मशहूर है अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त और उनके उत्पादन के लिए। जैसे हरियाणा के फरीदाबाद में गली-मुहल्लों में छोटी-छोटी चीज़ों की फैक्ट्रियां चलती हैं, वैसे ही कोहट ज़िले के दर्रा आदम खेल (DARRA ADAM KHEL) में असलहे बनाने के कारखाने चलते हैं। यहां पिस्टल, रायफल से लेकर रॉकेट लॉन्चर और मिसाइलें भी आपको मिल जाएंगी। खास बात ये कि इन हथियारों की कीमत मार्केट से कहीं कम होगी।

दर्रा आदम खेल से हथियार सिर्फ पाकिस्तान के दूसरे प्रांतों से ही नहीं बल्कि अफ्रीका से लेकर यूरोप तक के देशों से मंगाई जाती हैं। दर्रा आदम खेल में अभी भी पाकिस्तान सरकार का कानून लागू नहीं होता। यहां आज भी कबीलियाई कानून ही चलता है। लेकिन आप सोच रहे होंगे कि हम पाकिस्तान की इस बदनाम आर्म्स सिटी की बात क्यों कर रहे हैं। दरअसल, इसी आर्म्स सिटी यानि दर्रा आदम खेल का कनेक्शन अतीक-अशरफ मर्डर केस से जुड़ा हो सकता है।

डॉन ब्रदर्स की हत्या में इस्तेमाल पिस्टल पाकिस्तान से आई ?

दरअसल, माफिया अतीक और अशरफ की हत्या में जिस मेड इन टर्की जिगाना और गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल किया गया उसके पाकिस्तान से सप्लाई की जाने की खबर है। सूत्रों की मानें तो ये दोनों ही पिस्तौलें पाकिस्तान के दर्रा आदम खेल से पंजाब मंगाई गईं, जिसके बाद अवैध हथियारों का धंधा करने वालों ने इन्हें आरोपियों तक पहुंचाया।

सोशल मीडिया पोस्ट

पाकिस्तान की अवैध ‘आर्म्स सिटी’ का कच्चा चिट्ठा

दर्रा आदम खेल में हथियार बनाने वाले इतने शातिर हैं कि वो एंटी-एयरक्राफ्ट से लेकर पेन गन तक बना डालते हैं।हथियारों को बेचने वालों का कहना है कि दुनिया में ऐसा कोई हथियार नहीं, जिसे वो यहां बना ना सकें। एक बार हथियार की पहली कॉपी बन जाए तो दूसरा बनने में केवल 2 से 3 दिन लगते हैं। इनके टूल्स पुराने होते हैं, लेकिन इनसे बनने वाले हथियार सटीक होते हैं। ऑरिजनल हथियार का सीरियल नंबर तक इन अवैध हथियारों पर डाला जाता है। इन हथियारों में अगर कुछ भी गड़बड़ हुई तो उनके पार्ट्स रिप्लेस नहीं किए जा सकते। खराब होने पर इन्हें फेंकना ही पड़ता है।

दर्रा आदम खेल में हथियारों की दुकान
दर्रा आदम खेल में हथियारों की दुकान/ पुरानी तस्वीर

ये कोई नहीं जानता कि दर्रा आदम खेल में अवैध हथियारों का बिजनेस कब शुरू हुआ। लेकिन बताया जाता है कि इसकी शुरुआत 1857 में विद्रोहियों ने ब्रिटिश आर्मी के खिलाफ की थी। जबकि यहां से हथियारों की डिमांड तब बढ़ी, जब 1979 में रूस ने अफगानिस्तान पर हमला किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Posts

Most Popular