मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) की अपकमिंग फिल्म (Film) ‘सिर्फ एक बंदा ही काफी है’ (Sirf Ek Banda Kafi Hai) विवादों (Controversy) में घिर गई है। 8 मई को फिल्म का ट्रेलर रिलीज (Trailer Release) हुआ, जिसके बाद आसाराम बापू ट्रस्ट (Asaram Bapu Trust) ने फिल्म के मेकर्स (Film Makers) को नोटिस (Notice) भेजा है। ट्रस्ट के वकील ने कोर्ट से फिल्म की रिलीज रोकने की मांग (Demand to stop the release) की है। उनका कहना है कि उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है।
दरअसल फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा ही काफी है’ (Sirf Ek Banda Kafi Hai) में मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) वकील (Advocate) का किरदार निभा रहे हैं जो खुद को गौडमैन समझने वाले के खिलाफ केस लड़ता है। ये स्वयंभू गौडमैन एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करता है।
फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद ये कयास लगने शुरू हो गए कि ये फिल्म आसाराम बापू पर बनाई गई है। क्योंकि मनोज बाजपेयी के कैरेक्टर का नाम पीसी सोलंकी है, जो आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले रियल वकील का भी नाम है।
फिल्म मेकर्स बोले हमने फिल्म के लिए राइट्स खरीदे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म के प्रोड्यूसर आसिफ शेख ने कहा है कि हमने पीसी सोलंकी (PC Solanki) पर बायोपिक (Biopic) बनाई है और इसके लिए हमने उनसे राइट्स भी खरीद लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें नोटिस मिला है। अब इस मामले में अगला कदम क्या होगा वो हमारे वकील तय करेंगे। फिल्म 23 मई को OTT प्लेटफॉर्म ZEE 5 पर रिलीज होगी।
कौन हैं वकील पीसी सोलंकी?
वकील पीसी सोलंकी (Advocate PC Solanki) वो शख्स हैं जिन्होंने आसाराम बापू के खिलाफ केस लड़ा था। ये फिल्म उन्हीं पर बेस्ड है। फिल्म में मनोज बाजपेयी ने उन्हीं का रोल प्ले किया है। उन्होंने रेप विक्टिम की तरफ से पैरवी की। इस दौरान उन्हें केस छोड़ने को लेकर लालच और धमकियां भी मिली, लेकिन उन्होंने इसकी परवाह नहीं की। आसाराम की तरफ से बड़े-बड़े वकीलों ने केस लड़ा, मगर पीसी सोलंकी ने इतनी सूझबूझ से सब हैंडल किया कि उन्हीं की बदौलत आसाराम बापू जेल में है। सबसे बड़ी बात ये है कि पीसी सोलंकी ने बिना फीस लिए ये केस लड़ा था। बता दें कि रेप के मामले में आसाराम उम्रकैद की सजा काट रहा है।