उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग (Rudraprayg) जिले में भोलेनाथ का सबसे ऊंचा मंदिर है, तुगंनाथ (Tungnath) का मंदिर 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने तुंगनाथ मंदिर (Tungnath Temple) की स्टडी (Study) की। जिसमें हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। मंदिर के स्ट्रक्चर में 6 से 10 डिग्री का झुकाव (Leaning) आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ASI ने इसकी जानकारी केन्द्र सरकार को दे दी है। जिस पर केंद्र सरकार से तुंगनाथ मंदिर को संरक्षित इमारत (Protected Building) के तौर पर शामिल करने की सलाह दी है।
तुंगनाथ मंदिर में आया 6 से 10 डिग्री का झुकाव
तुंगनाथ मंदिर में 6 डिग्री का झुकाव देखा गया है। जबकि परिसर के अंदर के छोटे-छोटे स्ट्रक्चर और मूर्तियों में 10 डिग्री का झुकाव देखने को मिला है। ASI के सुपरिटेंडेंट मनोज कुमार सक्सेना के मुताबिक सबसे पहले मंदिर में झुकाव क्यों आई, इसकी वजह जानने की कोशिश करेंगे और अगर संभंव हुआ तो इसे रिपेयर करने की भी कोशिश की जाएगी।
मंदिर की दीवार पर मूवमेंट मापने के लिए ग्लास स्केल लगाया
ASI अधिकारी फिलहाल मोटे तौर पर मंदिर की जमीन धंसने को मंदिर के झुकाव का कारण मान रहे हैं। हालांकि अगर मंदिर की जमीन धंसने वाली जगह पर नींव के पत्थर बदलने की बात आती है तो फिर इसके लिए पहले एक्सपर्ट से सलाह ली जाएगी। फिलहाल एजेंसी ने ग्लास स्केल (Glass Scale) को फिक्स कर दिया, जिससे मंदिर की दीवार पर मूवमेंट (Movement on the Temple Wall) को मापा जा सकता है।
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है तुंगनाथ
तुंगनाथ का मंदिर दुनिया में सबसे ऊंचा शिव मंदिर (Highest Shiva Temple in the World) है। 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने इसका निर्माण कराया था। तुंगनाथ मंदिर बद्री केदार मंदिर समिति के अधीन आता है। मंदिर में झुकाव के संबंध में एक लेटर बद्री केदार मंदिर समिति को भी भेजा गया है।