Thursday, November 21, 2024
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Sengol In Parliament: नई संसद में पवित्र राजदंड की एंट्री, जानिए क्या है 75 साल पुराने सेंगोल का इतिहास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार (28 मई) को संसद (Parliament) के नए भवन का उद्घाटन कर दिया। उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) ओम बिरला (Om Birla) भी मौजूद रहे। विपक्ष के विरोध के बीच हुए इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए पूरी तैयारी की गई थीं। नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग अंदाज में नजर आए। प्रधानमंत्री के चेहरे के भाव साफ बता रहे थे कि ये भारत के लिए कितना गौरवशाली क्षण है।

नए संसद भवन के उद्घाटन का वीडियो
- प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रोच्चार के बीच देश की नई संसद का उद्घाटन किया। उनके साथ स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे।

- नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन में महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित किए। 
नई संसद में प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत का वीडियो
- पीएम मोदी ने संसद में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की तस्वीर पर भी फूल चढ़ाए। आज वीर सावरकर की जयंती है।

- नरेंद्र मोदी हवन-पूजन में बैठे और मंत्रोच्चार के दौरान आंख बंद कर ईष्ट देव का स्मरण किया। 
नए संसद भवन के लिए की गई पूजा का वीडियो
- PM मोदी ने सेंगोल को प्रणाम किया। इसके बाद तमिलनाडु से आए संतों ने इसे उन्हें सौंप दिया।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंगोल को सदन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया। इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी मौजूद थे। 
नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना का वीडियो
- संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया। इस दौरान सर्वधर्म सभा भी हुई।
पीएम मोदी द्वारा श्रमिकों के सम्मान का वीडियो
- उद्घाटन समारोह के दूसरे सेशन में सांसदों और अतिथियों को सेंगोल पर बनी फिल्म दिखाई गई और प्रधामंत्री ने 75 रुपए का सिक्का जारी किया। 

-दोनों तरफ अशोक स्तंभ वाला और भारत लिखा सिक्का जारी करने के बाद मोदी ने कहा कि, नए संसद भवन को बनाने में श्रमिकों ने पसीना बहाया है। हम सभी सांसद को अपने कार्य के प्रति समर्पण से इस भवन को दिव्य बनाना है।
सेंगोल ग्रहण करते पीएम मोदी का वीडियो

75 साल बाद संसद में ऐसे हुआ पवित्र राजदंड का प्रवेश

नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पवित्र सेंगोल यानि राजदंड (Sengol) को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से स्थापित किया। जबकि इससे पहले तमिलनाडु (Tamil Nadu)से आए पुजारियों के सामने पवित्र सेंगोल को दंडवत प्रणाम भी किया।

सेंगोल के साथ पीएम मोदी की तस्वीरें

संसद में स्थापित सेंगोल का इतिहास वर्षों पुराना है। दरअसल, अंग्रेजों ने 14 अगस्त 1947 की रात इसे जवाहर लाल नेहरू को सत्ता हस्तांतरण के तौर पर सौंपा था। वर्ष 1960 से पहले तक इस सेंगोल को प्रयागराज स्थित आनंद भवन और फिर 1978 से प्रयागराज म्यूजियम में रखा गया था। लेकिन, 75 साल बाद आज़ादी के अमृतकाल को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पवित्र राजदंड को संसद में स्थापित करने का फैसला किया।

सेंगोल के साथ पीएम मोदी और पीछे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला

संसद में स्थापित सेंगोल की विशेषताएं

  • सेंगोल यानि राजदंड का वज़न 800 ग्राम है और ये गोल्ड प्लेटेड यानि इस पर सोने की परत चढ़ी हुई है।
  • इस सेंगोल की लंबाई 5 फीट है। ये चांदी का बना है और इसके ऊपर सोनी की परत चढ़ी हुई है।
  • 1947 में अंग्रेजों ने जवाहर लाल नेहरू से पूछा था कि सत्ता हस्तांतरण के रूप में उन्हें कौन सी चीज़ दी जाए।
  • तब कांग्रेस नेता सी राजगोपालाचारी ने तमिलनाडु की राजदंड प्रथा के बारे में बताया।
  • इसके बाद इस राजदंड को तमिलनाडु में बनवाया गया। वुम्मिदी एथिराजुल और वुम्मिदी सुधाकर ने इसे बनाया, जो आज भी जीवित हैं।
  • सेंगोल तमिल शब्द सिम्मई से बना जिसका अर्थ होता है समृद्धि से भरपूर।
  • जानकारी के मुताबिक सेंगोल के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद भवन के उद्घाटन से करीब 4 महीने पहले पता चला था, जिसके बाद उन्होंने इसे संसद में स्थापित करने का निर्णय किया।
  • शैव विचारधारा से जुड़ी एक सम्मानित मठवासी संस्था के थिरुववदुथुराई आदीनम के अनुसार ये तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है कि सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जा रहा है।
  • थिरुववदुथुराई आदीनम अम्बालावन देसिका परमाचार्य स्वामी ने बीजेपी के इस दावे को की भी पुष्टि की कि, भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने 1947 में नेहरू को सेंगोल दिया था।
सेंगोल के साथ पीएम मोदी की तस्वीर

नया संसद भवन किन मायनों में है खास ?

नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। हालांकि, इसे बनाने का काम पिछले साल नवंबर में ही पूरा हो जाना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को ही नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। लेकिन नए संसद भवन का काम पूरा होने में 6 महीने की देरी हो गई।

 - नए ससंद भवन की लोक सभा में 888 सीटें हैं, जबकि पुराने भवन में 590 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। 

- नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं, जबकि पुराने राज्यसभा में 280 सांसद बैठ सकते थे। 

- नए लोकसभा में दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त एक साथ 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।

- अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।

- कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में अत्याधुनिक चीज़ें लगाई गई हैं। 

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