आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को एक बार फिर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि, मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार (Delhi Government) में प्रभावशाली पद पर रहे हैं, ऐसे में ज़मानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया के अलावा अभिषेक बोइनपल्ली, बेनॉय बाबू और विजय नायर की याचिकाओं पर भी फैसला सुनाया। अदालत ने इन सभी की याचिका भी खारिज कर दी।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी। हालांकि, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सितंबर 2022 में इस वापस ले लिया गया था। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में घोटाले के आरोप में 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। वो तब से न्यायिक हिरासत में हैं और बार-बार बाहर निकलने के लिए अपील कर रहे हैं। लेकिन, इससे पहले 30 मई को उन्हें ज़मानत देने से इनकार करने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों (Advertisement) पर खर्च किए गए पैसे का आंकलन करने को कहा। न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये निर्देश दिया। दरअसल, दिल्ली सरकार ने धन की कमी के कारण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना में योगदान देने में असमर्थता जताई।