बात-बात पर संविधान (Constitution) और कानून (Law) की दुहाई देने वालों ने एक बार फिर अपना असली चेहरा दिखा दिया। एक बार फिर कथित शांतिप्रिय समुदाय के कुछ लोगों ने बता दिया की उन्हें ना तो संविधान से कोई मतलब है और ना कानून से खौफ। उन्होंने साबित कर दिया कि सबकुछ उनकी सुविधा के हिसाब से होना चाहिए वरना वो भारतीय कानून की ऐसी-तैसी करने में भी देर नहीं लगाएंगे, वर्दी वालों को भी अपने भीड़तंत्र से भयभीत कर डालेंगे। दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के नांगलोई (Nangloi) में ताजिए का जुलूस (Tazia Procession) निकाला जा रहा था। लेकिन, इसी दौरान ताजिए में शामिल लोगों को पुलिस की व्यवस्था पर गुस्सा गया। फिर क्या था हमेशा की तरह हाथों में पत्थर लिए ये लोग पुलिस पर पिल पड़े।
पुलिस पर पत्थर चलाए, गाड़ियों में की तोड़फोड़
जानकारी के मुताबिक ताजिया में शामिल कुछ मुस्लिम युवकों ने पुलिस पर जमकर पथराव (Stone Pelting) किया। इस पथराव की वजह से दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। यही नहीं कुछ पुलिसवाले घायल भी हो गये। शांतिप्रिय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुछ लोग इस कदर आगबबूला थे की दिल्ली पुलिस को इलाके में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती करनी पड़ी। भले ही भीड़ में शामिल सभी लोगों ने इस अप्रिय और सोचनीय घटना को अंजाम नहीं दिया, लेकिन ये भी हकीकत है की कुछ लोगों को कानून और संविधान की कोई परवाह नहीं है। वो अपनी सुविधा के हिसाब से इन चीज़ों की व्याख्या करते हैं और छाती पीटते हैं।
तय रूट पर ताज़िया ना ले जाने लेकर हुआ रण?
अब आता है ये सवाल कि ताजिए (Tazia) में शामिल कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर क्यों बरसाए। दरअसल, नांगलोई में 8 से 10 हजार लोग ताजिया में शामिल थे। ताजिए के साथ आयोजनकर्ता भी चल रहे थे। लेकिन, इन्हीं आयोजनकर्ताओं में से कुछ पुलिस से भिड़ गए। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ताजिए का जो रूट पहले से तय था, ये लोग उस रूट से अलग जाना चाह रहे थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया जिसके बाद जुलूस में शामिल लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वो पुलिस पर पत्थर मारने लगे। चौंकाने वाली बात ये है कि ताजिए में शामिल भीड़ सूरजमल स्टेडियम (Surajmal Stadium) के अंदर भी जाना चाहती थी, लेकिन स्टेडियम का गेट बंद था। सवाल ये है कि वो स्टेडियम के अंदर क्या करना चाहते थे, क्यों जाना चाहते थे?
पत्थरबाज़ों की पैंट होगी गीली, कार्रवाई की तैयारी
जो पुलिस ताजिए में शामिल लोगों की सुरक्षा में तैनात थी उसी पर लोगों ने पत्थर बरसाए। लेकिन, ऐसा भी नहीं था कि पुलिस पत्थर खाती रही, पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया और पत्थरवीरों की जमकर धुनाई की। डीसीपी आउटर ईस्ट हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि, पत्थरबाजी की इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पत्थर चलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा और उन्हीं उनके किए की सज़ा दी जाएगी। वहीं कहा जा रहा है की ताजिए में शामिल कुछ लोग तलवारें भी लहरा रहे थें। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।