इमरान ख़ान (Imran Khan) को एक और झटका लगा। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) को इस्लामाबाद (Islamabad) में उनके घर से गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया। पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने साइफर (Cypher) की चल रही जांच के तहत कुरैशी को हिरासत में लिया। पीटीआई प्रमुख इमरान खान दावा करते रहे हैं कि इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) की ओर से उन्हें पद से हटाने की धमकी दी गई थी।
PTI के नेता ने ये भी पुष्टि की है कि, कुरैशी को उनके आवास से हिरासत में लिया गया और इस्लामाबाद में FIA मुख्यालय ले जाया गया। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कुरैशी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जेल में बंद पार्टी प्रमुख इमरान ख़ान को हटाने के लिए पार्टी नेताओं के बीच अंदरूनी कलह की खबरों का खंडन किया था।
इमरान खान के लिए जी का जंजाल बना साइफर का मुद्दा
इससे पहले जुलाई में एफआईए ने विवादास्पद अमेरिकी साइफर (सीक्रेट दस्तावेज़) की जांच के सिलसिले में कुरैशी और पीटीआई नेता असद उमर (Asad Umar) से लगभग दो घंटे तक पूछताछ की थी। क़ुरैशी ने बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया था कि, अमेरिकी साइफर वास्तविक था, जिससे इमरान के इस दावे की पुष्टि होती है कि अमेरिका (America) ने अप्रैल 2022 में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को प्रायोजित कर सरकार गिराने का प्लान बनाया था।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान (@imrankhan.pti) के लिए गले की हड्डी बन गया है। उनके प्रमुख सचिव आजम खान एक मजिस्ट्रेट के साथ-साथ एफआईए के सामने कह चुके हैं कि पूर्व पीएम ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए और अपने खिलाफ अविश्वास मत को रोकने के लिए अमेरिकी साइफर का इस्तेमाल कर रहे थे। आजम के अनुसार, इमरान खान ने तब कहा था कि, इस साइफर का इस्तेमाल प्रतिष्ठान और विपक्ष के खिलाफ एक कहानी बनाने के लिए किया जा सकता है।
इमरान को फांसी पर लटकाने की तैयारी!
गौरतलब है कि इमरान खान एक रैली के दौरान साइफर के कागज लहराते नज़र आए थे। बाद में उन्होंने कहा था कि, उनके पास से ये सीक्रेट दस्तावेज़ गुम हो गए हैं। इमरान खान के खिलाफ इस मामले में केस भी दर्ज किया गया है। उनपर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जियो न्यूज के मुताबिक, धारा 5 के तहत अपराध अगर अदालत में साबित हो जाते हैं, तो 2 से 14 साल तक की कैद की सजा हो सकती है, जबकि कुछ मामलों में मौत की सजा भी हो सकती है।