Maharashtra: मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल ने महाराष्ट्र में उथल-पुथल मचा दी और राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी। पाटिल के समर्थकों और जालना पुलिस के बीच झड़प से मराठा समुदाय (Maratha community) में गुस्सा फैल गया। शरद पवार गुट वाली NCP, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना इस मु्द्दे को कैश करने में जुट गई। लेकिन, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने इस विवाद को शांत करने के लिए मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) से फोन पर बात की है। सूत्रों के मुताबिक फोन पर फडणवीस ने कहा कि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने उन्हें मिलने के लिए आमंत्रित किया है और उनकी मांगों पर चर्चा करेंगे।
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा कि, इस मामले में जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार ये देखेगी की किया क्या पुलिस (Police) लाठीचार्ज रोक सकती थी? सरकार कभी भी इस तरह के लाठीचार्ज का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि, ''जो भी अधिकारी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फडणवीस ने आगे कहा कि, अगर किसी के खिलाफ कोई मामला गलत तरीके से दर्ज किया गया है, तो उसे वापस ले लिया जाएगा। हर प्रश्न का समाधान चर्चा से निकाला जा सकता है।'' इसके अलावा कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन भी मनोज जरांगे पाटिल से मिलने वाले हैं।
4 से 17 सितंबर तक जालना में पुलिस का पहरा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जालना (Jalna) और औरंगाबाद (Aurangabad) में महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 (3) लागू कर दी गई है। ये प्रतिबंध पूरे सतारा जिले में 4 से 17 सितंबर तक लागू रहेगा। महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37 (3) के अनुसार, यदि 5 या अधिक लोग बिना किसी वैध कारण के एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं जालना में समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर हाल ही में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुछ मराठा संगठनों द्वारा किए गए 'बंद' के आह्वान पर रविवार को मिला-जुला असर देखने को मिला। बंद का आह्वान 'सकल मराठा समाज' और 'मराठा क्रांति मोर्चा' ने किया था।
महाराष्ट्र का जालना अचानक क्यों सुलग उठा?
मराठा क्रांति मोर्चा (Maratha Kranti Morcha) और अन्य संगठनों ने आज सुबह नासिक शहर (Nasik City) में विरोध मार्च निकाला. इसकी शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा से हुई और रविवर कारंजा और मेन रोड जैसे कई क्षेत्रों से होकर गुजरी। उन्होंने दुकानदारों से दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की। शहर के कुछ हिस्सों में दुकानें कुछ देर के लिए बंद कर दी गईं और दोपहर में खोली गईं। शुक्रवार को, जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण (Reservation) की मांग को लेकर एक आंदोलन हिंसक हो गया था। इसमें दर्जनों पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
पुलिस की जुबानी, जालना में हुए कांड की पूरी कहानी
जालना हिंसा (Jalna violence) के बारे में औरंगाबाद रेंज के आईजीपी ज्ञानेश्वर चव्हाण ने कहा कि, "भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारंगे की तबीयत बिगड़ने लगी। जब एडिशनल एसपी और एसडीएम ने उन्हें इलाज के लिए मनाया तो वहां मौजूद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव के दौरान हमारा पुलिस स्टाफ मौजूद था, जो घायल हो गया, कुल 21 महिला अधिकारी और 43 जवान घायल हुए। हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हमने उचित बल का इस्तेमाल किया... 40 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। बसें जला दी गई हैं और हम इसकी जांच कर रहे हैं। अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।''