- दिल्ली के साकेत कोर्ट में हुई आफ़ताब की पेशी
- आफ़ताब ने अदालत में दिखाया अपना शातिर चेहरा
- चार दिन की हिरासत में भेजा गया आफ़ताब
- मोबाइल में क़ैद श्रद्धा की हत्या से जुड़ा राज़
श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफ़ताब पूनावाला ने साकेत कोर्ट में पेशी के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया है। लेकिन इस कबूलनामे में भी इस बात की झलक दिखी कि वो कितना शातिर है। हालांकि, उसके पैंतरे उसे दिल्ली पुलिस की हिरासत में जाने से बचा नहीं सके और दिल्ली की साकेत कोर्ट ने उसे 4 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया। दरअसल, आफताब ने जज के सामने कबूल किया कि उसने गुस्से में क़त्ल किया। लेकिन इसके लिए उसने बहुत नपे-तुले शब्दों का इस्तेमाल किया। आफताब ने कहा कि उसने जो किया गुस्से में किया। मतलब ये कि उसने ये नहीं कबूल किया कि उसी ने श्रद्धा का मर्डर किया है। आफताब ने कोर्ट को बताया कि वो पुलिस का पूरी तरह सहयोग कर रहा है। उसने जांच एजेंसी को श्रद्धा के शव के टुकड़े जहां-जहां भी फेंके सब बताए भी हैं। हालांकि उसने ये भी दावा किया कि घटना से जुड़ी कई बातें वो भूल चुका है।
मौत की सज़ा से बचने के लिए आफ़ताब की शातिर चाल !
क़ानून की बारीकियों और अपराधियों के दिमाग़ को पढ़ने वाले अच्छी तरह समझ सकते हैं कि आफताब का अदालत में दिया गया बयान किसी शातिर अपराधी की तरह है। यही वजह है कि कोर्ट में आफताब के बयान को दिल्ली पुलिस से राहत और क़ानून के फंदे से बचने की दूर की चाल के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल, जब उसने श्रद्धा की हत्या की वजह को उकसावे में आकर की गई हरकत और गुस्से का नतीजा बताया तो उसकी मंशा छुपी नहीं रही। असल में आफ़ताब ये साबित करने की चाल चल रहा है कि उसने जो कुछ किया बिना सोचे समझे यानी बग़ैर किसी साज़िश के किया। ऐसा बोलकर वो श्रद्धा की हत्या को ग़ैर इरादतन हत्या का रूप देने की कोशिश कर रहा है। दरअसल,
– गैर इरादतन हत्या के मामले में IPC की धारा 304 लगती है, जो हत्या की श्रेणी में नहीं आती।
– इसमें कोर्ट आरोपी को आजीवन कारावास और आर्थिक जुर्माना या फिर दोनों दे सकता है।
– जबकि, हत्या का जुर्म साबित होने पर उसे फांसी या उम्रक़ैद की सज़ा हो सकती है।
100 घंटे के भीतर होगी श्रद्धा मर्डर केस की फाइल क्लोज़ !
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) भी जानती है कि शातिर आफ़ताब को क़ातिल साबित करने का काम बेहद कठिन है। इसलिए, दिल्ली पुलिस ने इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए 14 टीमों का गठन किया है। इस टीम में 200 पुलिस वालों को तफ्तीश में लगाकर उन्हें 100 घंटे के अंदर हर तरह के ठोस सबूत जुटाने का टारगेट दिया गया है। देश की दो सबसे बड़ी फॉरेंसिक लैब के एक दर्जन से ज्यादा एक्सपर्ट्स को भी मदद के लिए इन टीमों के साथ जोड़ दिया गया है, जिसका नतीजा भी सामने आने लगा है। जानकारी के मुताबिक, फॉरेंसिक टीम को आफ़ताब के घर की टाइल्स के बीच से ख़ून के धब्बे मिले हैं। माना जा रहा है कि बाथरूम में शव के टुकड़े करने के वक़्त ये धब्बे वहां रह गए थे। हालांकि, ये धब्बे श्रद्धा के ही ख़ून के हैं या नहीं, इसकी रिपोर्ट आने में दो हफ्ते लग सकते हैं। अगर रिपोर्ट में ये श्रद्धा के ख़ून के धब्बे निकले तो ये आफताब को क़ातिल साबित करने वाला बड़ा साइंटिफिक एविडेंस माना जाएगा। इसके अलावा पुलिस को अबतक की पड़ताल में…
– कई बायलॉजिकल सबूत मिले हैं जिनमें कुछ कंघियां भी हैं
– कंघी में फंसे बड़े-बड़े बाल, टूथब्रश और नाखून मिले हैं
– ये श्रद्धा के हैं या नहीं, ये FSL की रिपोर्ट से साबित होगा
– नाखून और टूथब्रश के सलाइवा यानि लार DNA जांच में भी अहम साबित होगी
– जिसे पुलिस ने CBI की CFSL को जांच के लिए सौंप दिया है
श्रद्धा के मोबाइल से खुलेगा मर्डर का राज़ !
श्रद्धा की हत्या के सुराग केवल आफताब के मोबाइल फ़ोन में ही क़ैद नहीं हैं। पुलिस को पूरा भरोसा है कि श्रद्धा के मोबाइल फ़ोन से उसे कई ठोस सबूत मिल सकते हैं। इसलिए पुलिस किसी भी तरह श्रद्धा का मोबाइल फ़ोन पाना चाहती है। जांच एजेंसी ने जब मोबाइल फ़ोन की तफ्तीश शुरू की तो उसे पता चला कि आफ़ताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद चार मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल किया। इनमें सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट के लिए मोबाइल फ़ोन के 2 नंबरों का इस्तेमाल किया। श्रद्धा के अकाउंट से भी दो नंबर जुड़े हुए हैं। इन्हीं नंबरों से श्रद्धा का फेसबुक ऑपरेट होता था। मतलब ये हुआ कि आफ़ताब के कब्जे में कम से कम 4 मोबाइल फ़ोन थे। पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि मुंबई से सामान मंगाने के दौरान पैकर्स एंड मूवर्स पर अलग नंबर का इस्तेमाल हुआ था। इसी तरह फ्रिज मंगाने के लिए आफताब ने श्रद्धा के फोन नंबर का इस्तेमाल किया था। गॉडविन नाम के श्रद्धा के दोस्त ने पुलिस को बताया कि श्रद्धा ने उसे एक राज़ की बात बताई थी। श्रद्धा ने उसे अपने साथ कुछ अनहोनी होने का अंदेशा जताया था। श्रद्धा ने कहा था कि अगर उसके साथ कुछ हुआ तो उसके पास अपने बचाव के लिए मोबाइल फ़ोन में एक वीडियो है। अब इस वीडियो को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या आफताब को इसकी भनक लग गई थी। ऐसा कौन सा राज़ है जो इस वीडियो के रूप में श्रद्धा के मोबाइल फोन में कैद है।