राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन (Mughal Garden) अब नए नाम से जाना जाएगा। सरकार ने मुगल गार्डन को अमृत उद्यान (Amrit Udyan) नाम दिया है। सरकार के मुताबिक आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के तहत इसे अमृत उद्यान नाम दिया गया है। इस उद्यान को साल में दो बार खोला जाएगा। जबकि यहां कई सेल्फी पॉइंट्स भी होंगे जहां लोग तस्वीरें ले सकेंगे। अमृत उद्यान 13 एकड़ क्षेत्र में फैला है। यहां ट्यूलिप्स, गुलाब, कमल, लीली, डहेलिया समेत कई तरह के फूल हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अमृत उद्यान के 138 तरह के गुलाब, 10 हजार तरह के ट्यूलिप्स और 5 हजार प्रकार के दूसरे फूल हैं। इसमें कई अलग-अलग तरह के बगीचे भी हैं।

अंग्रेजों के दिए नाम को ‘मोदी सरकार’ ने बदल डाला
अमृत उद्यान (पहले मुगल गार्डन) का निर्माण एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) ने सन 1917 में किया था। लुटियंस ने जम्मू-कश्मीर और ताजमहल के बगीचों का अध्ययन किया। पारसी और भारतीय चित्रकारों की कला को बारीकी से देखा। जिसके बाद एडविन लुटियंस ने अमृत उद्यान को तैयार किया। वास्तुकला हो या फूलों की क्यारियां, सबकुछ मुगलकालीन लगता है, इसीलिए इसे मुगल गार्डन नाम दिया गया था। लेकिन, पीएम मोदी (PM Modi) बार-बार कहते रहे हैं कि गुलामी की निशानियों को मिटाकर एक नया भारत बनाना है। लिहाज़ा, उसी की तर्ज़ पर मुगल गार्डन का नाम अमृत उद्यान कर दिया गया।

कब खुलता है राष्ट्रपति भवन का ‘अमृत उद्यान’?
अमृत उद्यान दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के परिसर में स्थित है। इसकी सुंदरता की चर्चा भारत समेत पूरी दुनिया में है और देसी-विदेशी पर्यटकों का यहां तांता लगा रहता है। हर साल फरवरी-मार्च में आयोजित होने वाले उड़ान उत्सव (Udan Utsav) के दौरान इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है। ये उद्यान चार भागों में बंटा है। सभी उद्यानों को राष्ट्रपति भवन के ठीक पीछे बनाया गया है।

1 – चतुर्भुज आकार उद्यान – ये मुख्य भवन के बिल्कुल बगल में है। इसका आकार चौकोर है जिसकी वजह से इसे चतुर्भुज आकार उद्यान कहा जाता है। यहां कई तरह के फूल हैं, जो अपनी सुंदरता से लोगों को अपनी ओर खींचते हैं।
2 – लंबा उद्यान – इस बगीचे में गुलाब के अलग-अलग किस्में हैं जो देखने में काफी मनमोहक हैं।
3 – पर्दा उद्यान – ये मुख्य उद्यान के पश्चिम में स्थित है। पर्दा उद्यान फूलों की जगह फलों के लिए ज्यादा लोकप्रिय है। फलों के मौसम में इस उद्यान की खूबसूरती देखते ही बनती है।
4 – वृत्ताकार उद्यान – इस बगीचे में कई तरह के देसी-विदेशी किस्म के फूल लगाए गए हैं। यहां फव्वारे भी हैं जो संगीत पर थिरकते हुए पर्यटकों को आनंदित कर देते हैं।