ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी तत्वों द्वारा भारतीयों और हिंदू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दौरे पर आए ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी अल्बानीज के सामने इस मामले को उठाया। पीएम मोदी ने आज हुई ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने इस मामले को ऑस्ट्रेलियाई पीएम के सामने उठाया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि…
''यह चिंता की बात है कि पिछले कई हफ्तों से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की खबरें लगातार आ रही हैं। स्वभाविक रूप से भारत में लोग इन रिपोर्टों को पढ़ने के बाद चिंतित हैं और हम इसके बारे में चिंतित हैं। मैंने प्रधानमंत्री अल्बानीज को अपनी ऐसी भावनाओं और चिंताओं से अवगत कराया है, और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए एक विशेष प्राथमिकता है।'
पिछले कई हफ्तों में ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी तत्वों के हमले में कई भारतीय मंदिर आए हैं, खासकर विक्टोरिया राज्य में। ये हमले कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई देशों में बढ़ती हिंदू विरोधी हिंसा का हिस्सा हैं। पिछले दो महीनों में, ऑस्ट्रेलिया में पांच अलग-अलग हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और ऑस्ट्रेलिया में तोड़फोड़ की गई। अभी पिछले हफ्ते, ब्रिस्बेन के बरबैंक उपनगर में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर को खालिस्तानी तत्वों द्वारा हिंदू विरोधी और भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ तोड़ दिया गया था। इससे पहले 16 फरवरी को मेलबोर्न के उत्तरी उपनगर में एक काली माता मंदिर को भारतीय गायक कन्हैया मित्तल के भजन कार्यक्रम आयोजित करने के लिए खालिस्तानी आतंकवादियों से धमकी मिली थी।
जनवरी में हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ की ऐसी तीन घटनाएं हुईं। मेलबर्न में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर, मेलबर्न में कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर और मेलबर्न में अल्बर्ट पार्क स्थित हरे कृष्ण मंदिर को खालिस्तानियों ने तोड़ दिया था। मंदिरों की दीवारों को खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारों से विरूपित कर दिया गया। हिंदू मंदिरों की दीवारों पर ‘टारगेट मोदी’, ‘मोदी हिटलर’, ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’, ‘खालिस्तान जिंदाबाद’, ‘संत भिंडरावाले शहीद हैं’ आदि संदेश लिखे देखे गए। हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ के अलावा, ऑस्ट्रेलिया में भारत विरोधी गतिविधियों का विरोध करने पर खालिस्तानी भारतीयों से भी भिड़ गए। 21 फरवरी को, खालिस्तान समर्थकों ने क्वींसलैंड में ब्रिस्बेन में भारत के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और कार्यालय पर अपना झंडा फहराया।
पिछले महीने, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ऑस्ट्रेलिया में चरमपंथी खालिस्तानी समूहों द्वारा भारतीय समुदाय पर किए गए हमले की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने स्थानीय अधिकारियों से मामले की जांच शुरू करने और अपराधियों को दंडित करने का आग्रह किया था। खालिस्तानी स्वतंत्र खालिस्तान के लिए ऑस्ट्रेलिया में तथाकथित जनमत संग्रह भी करवा रहे हैं।