बिहार के छपरा में जहरीली शराब ने ऐसा कहर बरपाया कि पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है। लोग बिलख रहे हैं, छाती पीट रहे हैं, सिस्टम को कोस रहे हैं, कि ऐसी शराबबंदी किस काम की? जहरीला जाम तो जिंदगियां तमाम कर ही रहा है। सरकारी आंकड़ा भले ही इसकी तस्दीक न कर रहा हो, मगर लोग बता रहे हैं कि जहरीली शराब से 45 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। सारण के DC राजेश मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 26 लोगों की मौत की जानकारी दी है। 30 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर है। यानि मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता हैं।
सीएम नीतीश बोले- न सहानुभूति, न मुआवजा
जहरीली शराब से हुई मौतों पर बिहार विधानसभा में विपक्षी दल बीजेपी ने फिर जमकर हंगामा किया। इस हंगामे के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक कहा कि शराब पीकर मरने वालों के प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है। उन्होने कहा कि शराब से अगर मौत होती है तो इसके लिए मुआवजा नहीं दिया जाएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि हम इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि पिओगे तो मरोगे। गुजरात में इतने लोग मर गए, एक दिन बात हुई बस, उसके बाद किसी ने चर्चा नहीं की।
जहरीले शराबकांड की जांच कर रही SIT
जहरीली शराब के मामले की जांच के लिए सरकार ने SIT का गठन किया है। सारण के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा, हमने पिछले 48 घंटे में जिले भर में सघन छापेमारी की है और 126 व्यक्तियों को पकड़ा है। चार हजार लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त भी की गई है।