तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे पर गए और वहां से चीन को ललकारा। मेघालय और त्रिपुरा में रैलियां कीं और विकाय कार्यों का शिलान्यास किया। बिना किसी का नाम लिए हुए विकास के काम में बाधा डालने वालों की खिंचाई की। पिछली सरकारों की अप्रोच को ‘डिवाइड’ बताया और अपनी सरकार के दृष्टिकोण को ‘डिवाइन’।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए नॉर्थ-ईस्ट के बॉर्डर एरिया अंतिम मील नहीं बल्कि मुख्य स्तंभ हैं। उनकी सरकार सीमा से लगे गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज प्रॉजेक्ट पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें सोचती थीं कि बॉर्डर एरिया के विकास से दुश्मन देश को लाभ होगा, लेकिन हमारी सरकार बॉर्डर एरिया को मजबूत गढ़ बनाने जा रही है।
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”बहस से डरते हैं PM मोदी”…कांग्रेस ने बीजेपी वाला फंडा अपनाया, मोदी को बहस के लिए ललकारा !
रविवार को पीएम मोदी पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी सरकार के विकास कार्यों और उपलब्धियां गिनवा रहे थे, तो वहीं शाम के वक्त कांग्रेस तवांग मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ रही थी। राजस्थान के दौसा में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक जुमला कहते हुए पीएम मोदी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, भारत जोड़ो। पवन खेड़ा ने पीएम मोदी को चीन परस्त बताया। उन्होंने कहा कि…
- ”बीजेपी के नेता चीन में ट्रेनिंग लेते हैं”
- ”कम्यूनिस्ट स्कूल में कैसी ट्रेनिंग ली जा रही है”
- ”इंडिया फाउंडेशन के चीन से क्या रिश्ते हैं”
- ”चीन अचानक बॉर्डर पर सक्रिय क्यों हुआ”
- ”पीएम मोदी पत्रकारों और विपक्ष के अनपढ़ समझते हैं”
पवन खेड़ा के जुबानी हमले के बाद बारी आई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम नरेश की। जयराम नरेश ने पहले तो अपनी पार्टी की उपलब्धियां गिनवाईं। उन्होंने कहा कि, 1988 से लेकर 1193 तक भारत ने चीन पर नकेल कसी हुई थी। लेकिन, 2020 में सबकुछ पलट गया और चीन आक्रामक नज़र आने लगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को चीन से सीमा विवाद के मुद्दे पर सभी पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए। यही नहीं उन्होंने कहा कि…
- ”RSS के लोग चीन के बारे में किताब लिखते हैं”
- ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस से भागते हैं”
- ”सरकार ने भारत की मजबूत सेना के हांथ बांध रखे हैं”
- ”सरकार सामूहिक संकल्प दिखाना चाहती है तो संसद में बहस करवाए”
- ”सरकार को पत्रकारों को ले जाकर चीन बॉर्डर की यथास्थिति से अवगत कराना चाहिए”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि देश के पास ऐसे बहुत से IFS काबिल अफसर हैं उनको बुलाकर बात करनी चाहिये, वो सरकार को सुझाव दे सकते हैं। कांग्रेस (INC) ने ठीक उसी तरह से बीजेपी को घेरने की कोशिश की है जिस तरह से बीजेपी (BJP) कांग्रेस को घेरती रही है। बीजेपी कई बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और चीन (China) के रिश्तों को लेकर सवाल उठाती रही है। जब डकलाम में चीन के साथ भारत का विवाद हुआ था तो उस वक्त राहुल गांधी चीनी उच्चायुक्त से मिलने पहुंच गए थे। इस बात को लेकर बीजेपी ने राहुल को कटघरे में खड़ा किया था।
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साल 2017: राहुल-प्रियंका की डोकलाम विवाद के वक्त चीन के राजदूत से मुलाकात
साल 2018: राहुल गांधी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान चीन के नेताओं से मिले
साल 2020: अधीर रंजन चौधरी ने चीन को कहा ज़हरीला सांप, कांग्रेस बोली-निजी बयान