संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन की कार्यवाही भी हंगामे के चलते नहीं हो पाई। राज्यसभा और लोकसभा अगले सत्र तक के लिए स्थगित कर दी गईं। अडानी मुद्दे पर JPC की मांग को लेकर अड़ी कांग्रेस और 12 विपक्षी दलों ने विरोध जताने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की तरफ से रखी गई शाम की चाय की पार्टी का भी बहिष्कार कर दिया। जबकि, संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन दिल्ली में विपक्षी सांसदों ने ‘तिरंगा मार्च’ निकाला। संसद से विजय चौक तक के इस मार्च में विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए।
अडानी मुद्दे पर 18 पार्टियों का तिरंगा मार्च
विपक्षी सांसदों के इस तिरंगा मार्च का नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया। खरगे के नेतृत्व में विपक्षी सांसद तिरंगे के साथ सड़क पर उतर आए और उन्होंने संसद से विजय चौक तक मार्च किया। विपक्ष के इस तिरंगा मार्च में करीब 18 पार्टियां शामिल हुईं। विपक्ष का ये मार्च अडानी मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन को लेकर था। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार अडानी मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी का गठन नहीं करना चाहती है।
मोदी सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खरगे
संसद से विजय चौक तक तिरंगा मार्च के बाद विपक्ष ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र के बारे में बहुत कुछ कहती है लेकिन उसके हिसाब से चलती नहीं है।
कांग्रेस पर बीजेपी का पलटवार
जबकि, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, ‘आज फिर कांग्रेस सांसदों और बाकी विपक्षी नेताओं ने मिलकर सदन में हंगामा किया। उन्होंने फिर काले कपड़े पहनकर सदन का अपमान किया। ये देश देख रहा है कि कांग्रेस क्या कर रही है। कांग्रेस न तो संविधान में यकीन करती है और न देश के कानून का सम्मान करती है‘।