लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में विपक्षी दलों को पानी पिलाने के लिए बीजेपी बहुत जल्द एक और बड़ दांल चलने वाली है। केंद्र की एनडीए सरकार आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले किसी भी समय CAA नियमों को अधिसूचित कर सकती है। इसका सीधा फायदा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को होगी। CAA के नियमों की अधिसूचना होते ही इन शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगले महीने (मार्च) के पहले सप्ताह में सीएए के नियम लागू किए जा सकते हैं। नियम लागू होने का सीधा मतलब ये है कि सीएए कानून लागू हो जाएगा।
एक भारतीय समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि CAA के ऑनलाइन पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किया जा चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इसका ड्राई रन भी कर चुका है। CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के उन शरणार्थियों की मदद करेगा जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय को लंबे समय के वीजा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन पाकिस्तान से मिले हैं। मतलब ये है कि CAA के नियम लागू होने का सबसे ज़्यादा फायदा पाकिस्तान के गैर मुस्लिमों को होगा, जिन्हें वहां प्रताड़ित किया जाता रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) दो महीने में दो बार कह चुके हैं कि CAA लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि, ये देश का कानून है और इसे कोई रोक नहीं सकता। संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। सरकार इस कानून को लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़ा चुकी है। लेकिन, सीएए से अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 के पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रविधान है, जिससे इन समुदाय के लोगों को बड़ा फायदा होगा