Sunday, September 8, 2024
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CEC and EC Appointment: चुनाव आयोग में नियुक्तियों पर SC का ऐतिहासिक फैसला, अब सिर्फ केन्द्र नहीं विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस भी करेंगे चयन

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्त (EC) की नियुक्ति कैसे हो, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सीबीआई (CBI) चीफ की तर्ज पर की जानी चाहिए। यानि कि अब सिर्फ केन्द्र सरकार की मर्जी से ही चुनाव आयोग में नियुक्ति नहीं होगी। नियुक्ति प्रक्रिया में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस भी शामिल होंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक कमेटी बने, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शामिल हों। ये कमेटी एक नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से करे और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति हो। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कमेटी में विपक्ष के नेता नहीं हैं तो फिर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को इसमें शामिल किया जाए।

‘लोकतंत्र में भरोसा कायम रहना जरूरी’

सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला 5-0 से सुनाया। जस्टिस के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बना रहना जरूरी है। ऐसा तभी हो सकता है जब चुनाव आयोग कामकाज उन्हें विश्वसनीय लगे। कोर्ट ने कहा कि जब तक इसको लेकर संसद से कानून पारित नहीं हो जाता, तब तक यही व्यवस्था लागू रहेगी।

क्या है पूरा मामला

  • सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें मांग की गई थी कि चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसा सिस्टम होना चाहिए
  • कॉलेजियम सिस्टम जजों की नियुक्ति के लिए होता है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज होते हैं, जो जजों की नियुक्ति के लिए केन्द्र सरकार को नाम भेजते हैं। केन्द्र की मंजूरी के बाद जजों की नियुक्ति होती है।
  • याचिकाकर्ता अनूप बरांवल ने याचिका दायर कर चुनाव आयोगों की नियुक्ति में भी कॉलेजियम जैसा सिस्टम लागू करने की मांग की थी। 23 अक्टूबर 2018 को मामले को 5 जजों की संवैधानिक बेंच के पास भेजा गया था।

अरुण गोयल की नियुक्ति पर हुआ था बवाल

19 नवंबर को पिछले साल केन्द्र सरकार ने पंजाब कैडर के IAS अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्ति दी थी, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था, वो गोयल 31 दिसंबर 2022 को रिटायर होने वाले थे। 18 नवंबर को उन्हें VRS दिया गया और अगले ही दिन चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट प्रशांत भूषण ने भी सवाल उठाए थे। अचानक VRS के एक दिन बाद नियुक्ति कैसे? हालांकि इन सभी सवालों पर अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि सबकुछ 1991 के कानून के तहत हुआ है।

अबतक कैसे होती है मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति?

चुनाव आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सचिव स्तर के सर्विंग और रिटायर अफसरों की लिस्ट तैयार होती है। इन नामों का एक पैनल बनता है जिसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। पैनल में पीएम किसी एक नाम की सिफारिश करते हैं और इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है।

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