भारत के साथ सीमा विवाद के ज़रिए संघर्ष को तूल देने वाला पड़ोसी मुल्क चीन कोरोना से कराह रहा है। चीन में कोरोना कहीं ज्यादा घातक तेवर के साथ वापस आया है। जानकारों की मानें तो यहां जिस तरह कोरोना से तेज़ी से पैर पसार रहा है उससे एक साल के अंदर करीब 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। अमेरिका के इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के मुताबिक चीन में 1 अप्रैल के आसपास कोरोना के मामले चरम पर होंगे। ये वही वक्त है जब भारत में भी बीते दो साल कोरोना तेज़ी से बढ़ रहा था। IHME का अनुमान है कि अप्रैल तक चीन में कोरोना की वजह से करीब साढे तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी होगी। IHME के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मरे का आंकलन है कि अप्रैल तक चीन की एक तिहाई आबादी संक्रमित होगी। मरे के मानना है कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरियंट इतना ऐक्टिव है कि उसे किसी भी तरह फैलने से रोकना मुश्किल है। लेकिन, इस सबके बावजूद चीन की सरकार कुछ ऐसा कर रही है जिसने भारत समेत पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है।
चीन की सरकार कुछ दिनों पहले तक अपने नागरिकों पर सख्त कोरोना गाइडलांइस थोप रही थी। उन्हें नज़रबंद करके रख रही थी। यही नहीं चीन के कई शहरों में सख्ती से लॉकडाउन लगाया गया था। लेकिन, जैसे ही चीन के लोगों ने इसे लेकर जिनपिंग प्रशासन के खिलाफ विद्रोह किया, कम्युनिस्ट सरकार ने पाबंदियों में ढील दे दी। नतीजा कोरोना विस्फोट के रूप में सामने आया। लेकिन, इससे कुछ सीखने की जगह चीन की सरकार ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इजाफा करने की तैयारी शुरु कर दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक
- ज़ीरो कोविड नीति में चीन में रोज़ करीब 100 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें थीं।
- लेकिन, अब इनकी संख्या 2 हजार तक करने की तैयारी चल रही है।
- चीन में फिलहाल 7 हजार 290 घरेलू उड़ाने संचालित हो रही हैं, जो बीते हफ्ते से 158 प्रतिशत ज़्यादा हैं।
चीन की घरेलू उड़ानों से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, जिस तरह चीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है उससे पूरी दुनिया कोरोना की ज़द में आ सकती है। खासतौर पर भारत जहां से अब भी फ्लाइट्स चीन आ जा रही हैं।
चीन की ‘कोरोना उड़ान’ से मौत वाला तूफ़ान ?
चीन में कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए उसके साथ भारत को अपने हवाई संपर्क को बंद या फिर सीमित कर देना चाहिए। पिछली बार कोरोना काल में भारत से चीन के लिए विमान सेवा बंद कर दी गई थी। लेकिन महामारी के हालात सुधरने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से प्रतिबंध हटा दिया गया था। भारत से बीजिंग, शंघाई समेत चीन के कई शहरों से फ्लाइट्स आ और जा रही हैं। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि भारत सरकार चीन से आने वाले यात्री विमानों पर पैनी नजर रखे। स्थिति की समीक्षा की जाए और जरूरत पड़े तो विमान सेवा पर रोक लगा दी जाए। भारत के लोगों को भी चीन की यात्रा करने से बचना चाहिए। हालांकि, इस मामले पर केंद्र सजग है और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया ने इस पर चर्चा भी की है। जबकि, कांग्रेस ने मांग की है कि सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका से आने-जाने वाली उड़ानों पर नजर रखी जाए।
”चीन में कोविड-19 की खतरनाक स्थिति को देखते हुए सरकार को चीन से आने-जाने वाली सभी उड़ानें तुरंत निलंबित कर देनी चाहिए। अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। एक नए घातक संस्करण के उभरने की संभावना को देखते हुए भारत को कोविड प्रोटोकॉल फिर से लागूकरने पर विचार करना चाहिए।” — मनीष तिवारी, सांसद, कांग्रेस
अमेरिका, जापान और जर्मनी में भी कोरोना से हाहाकार !
जॉन्स हॉपकिन्स युनिवर्सिटी ने चेतावनी दी है कि 2020 की शुरुआत में कोरोना के प्रकोप के बाद से अमेरिका में कोविड के मामले 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर गए हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना के 22578 नए केस मिले हैं। अमेरिका के अलावा जर्मनी में भी कोरोना के 50 हज़ार से ज़्यादा केस सामने आए हैं। ब्राजील और फ्रांस में करीब 30 हजार नए केस सामने आए हैं। वहीं बात करें जापान की तो यहां की स्थिति सबसे भयावह है। पिछले सात दिनों में जापान में कोरोना के 10 लाख 55 हजार 578 नए मरीज़ मिले हैं। यही नहीं जापान और अमेरिका कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी तेज़ से बढ़ने लगा है।