पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव के बीच हिंद महासागर में चीन अपनी चालबाज़ियों से बाज़ नहीं आ रहा। अगले हफ्ते भारत लंबी दूरी की बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 के परीक्षण की तैयारी कर रहा है, और ठीक उससे पहले हिंद महासागर में चीन के एक और जासूसी जहाज़ ने एंट्री की है।
- जानकारी के मुताबिक ये वही जहाज़ है जिसने अगस्त में श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डेरा डाला था, जिसके बाद भारत और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक विवाद भी हुआ था।
- लेकिन, इस विवाद के बावजूद चीन के जासूसी जहाज यूआन वैंग-5 ने इंडोनेशिया के सुंडा जलडमरूमध्य के रास्ते हिंद महासागर में दस्तक दी।
- रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो भारतीय नौसेना ने फौरन इस जहाज़ को ट्रैक कर लिया और इसकी मूवमेंट पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
- 20 हजार टन वजनी यूआन वैंग-5 जासूसी उपकरणों से लैस है। इस जहाज़ पर विशाल एंटीना, अडवांस्ड सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं, और इस पर करीब 400 क्रू मेंबर तैनात हैं।
- गौरतलब है कि चीन के इस जासूसी विमान ने हिंद महासागर में तब दस्तक दी है जब कुछ ही दिन पहले भारत ने अपने मिसाइल परीक्षण को लेकर नोटिस टु एयरमैन जारी किया था।
- जिसके तहत बंगाल की खाड़ी के ऊपर 15 से 16 दिसंबर को मिसाइल टेस्ट की वजह से ‘नो फ्लाई जोन’ की जानकारी भी दी थी।
- यही नहीं हिंद महासागर में चीन के इस जासूसी जहाज़ की एंट्री की टाइमिंग को शक की नज़र से इसलिए भी देखा जा रहा है क्योंकि इसी वक्त सेंट्रल एशियाई देशों के NSA की बैठक हो रही है, जिसका नेतृत्व भारत की ओर से अजीत डोवल कर रहे हैं।
- जबकि, भारत की अध्यक्षता में राजस्थान के उदयपुर में जी-20 शेरपा की बैठक भी शुरू हो गई है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर के विदेशी डेलिगेट्स भारत पहुंचे हैं।