Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है बंगाल और महाराष्ट्र! ममता और उद्धव नहीं मिलाएंगे राहुल गांधी से हाथ? जानिए क्या है इंडी गठबंधन की सबसे बड़ी परेशानी
कांग्रेस ने भले ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के साथ सीट शेयरिंग (seat sharing) का मामला सुलझा लिया हो। भले ही वो गठबंधन को बचाने में कामयाब हो गई हो। लेकिन, मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। बंगाल (Bengal) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में सीट-बंटवारे पर अब भी पेंच फंसा हुआ है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) बस कुछ ही महीने दूर हैं और I.N.D.I अलायंस ने अभी तक बीजेपी की अजेय चुनाव मशीनरी के खिलाफ अपना अभियान शुरू नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कांग्रेस (Congress) को TMC के साथ गठजोड़ बनाने में दिक्कत पेश आ रही है। सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ बातचीत विफल होने के बाद तृणमूल प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने पहले घोषणा की थी कि वो अकेले चुनाव लड़ेंगी। कहा जा रहा है कि, अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाली राज्य कांग्रेस इकाई 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन तृणमूल ने सिर्फ 2 सीटों की पेशकश की है। इस बात पर मामला फंसा हुआ है। लिहाज़ा, कांग्रेस नेतृत्व ममता बनर्जी को वापस लाने की कोशिश कर रही है। राहुल गांधी ने कहा है कि, ममता बनर्जी के खिलाफ अधीर रंजन चौधरी की तीखी टिप्पणी से कोई फर्क नहीं पड़ता।'' लेकिन, सवाल है कि क्या वाकई ऐसा है, क्योंकि झगड़े के कारण ममता बनर्जी बंगाल से गुजरने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में भी शामिल नहीं हुईं।
महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी I.N.D.I गठबंधन ने अभी तक सीट-बंटवारे का ऐलान नहीं किया है। कांग्रेस (Congress), शिवसेना (बालासाहेब उद्धव ठाकरे) और NCP के शरद पवार गुट वाली महा विकास अघाड़ी के बीच चर्चा अंतिम चरण में है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से तीन पर चुनाव लड़ना चाहती है। इनमें शामिल हैं, मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई उत्तर पश्चिम की सीटें। वहीं उद्धव ठाकरे कथित तौर पर राज्य में 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिनमें मुंबई की 4 सीटें - मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम, मुंबई उत्तर पूर्व और मुंबई दक्षिण मध्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस गतिरोध को खत्म करने के लिए राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के बीच एक घंटे तक बातचीत भी हुई है। महाराष्ट्र में I.N.D.I गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती ये भी है कि शिवसेना और एनसीपी अलग हो गई हैं और उनके नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न खो दिया है। एक बड़ा काम मतदाताओं के बीच उनके नए नाम और चुनाव चिन्ह के बारे में जागरूकता फैलाना होगा ताकि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के लोग ये जान सकें कि उन्हें किस चुनाव चिन्ह पर वोट देना है।